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Showing posts from April, 2022

कला समालोचक अखिलेश निगम द्वारा 'द समर शो' उद्घाटित

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  गुरुकुल के कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी  'द समर शो'  का भव्य आयोजन कानपुर के आज़ाद नगर स्थित गुरुकुल दृश्यकला एवं नाट्य विद्यालय में कार्यरत समकालीन कलाकारों के चित्रों की "द समर शो" नामक एक समूह कला प्रदर्शनी का आयोजन गुरुकुल कला दीर्घा में सोमवार (25 अप्रैल, 2022) को संपन्न हुआ, जिसका उद्घाटन प्रसिद्ध कलाकार, कला समालोचक, कला इतिहासकार एवं राष्ट्रीय ललित कला केन्द्र, लखनऊ के पूर्व सचिव अखिलेश निगम जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री निगम ने कानपुर के कलाकारों और कला के विकास में "गुरुकुल" के योगदान की सराहना करते हुए कलाकारों से निरंतर सृजनरत रहने की सलाह देते हुए कहा कि - साधना का जुनून ही कलाकार की पहचान बनाता है। कानपुर में कला-कर्म को गति देने वाले वरिष्ठ कलाकारों का स्मरण करते हुए उन्होंने विशेष रूप से प्रो. सी. बरतरिया के योगदान की सराहना की।  यहां यह उल्लेखनीय है कि गुरुकुल की परिकल्पना चित्रकार अभय द्विवेदी ने की थी। उनका यह सपना सितम्बर 2016 में फलीभूत हुआ। प्रो. द्विवेदी के अथक प्रयास से कानपुर में आज ‘गुरुकुल’ एक सामुदायिक कला-केन्द्र और वीथिका...

सहर हाशमी के अनटैंगलिंग थॉट्स में चित्रण की विशिष्ठ भूमिका : संदीप सुमहेन्द्र

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अनटैंगलिंग थॉट्स   (उलझे हुए विचारों को सुलझाना)  दिल्ली की चित्रकार सहर हाशमी की कला प्रदर्शनी अनटैंगलिंग थॉट्स का उद्घाटन 22 अप्रैल शाम 4 बजे जवाहर कला केंद्र, जयपुर में सुकृति आर्ट गैलरी में डॉ सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल द्वारा किया गया।  अपनी प्रदर्शनी के उद्घाटन पर बोलते हुए सहर हाशमी ने बताया कि पेंटिंग ने उन्हें ठीक करने में बहुत मदद की है और मानसिक बीमारी के खिलाफ उनके लंबे संघर्ष के दौरान चिकित्सा के रूप में काम किया है। उन्हें बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर और बाद में क्लिनिकल डिप्रेशन की बीमारी बताई गयी। अपने 15 साल के संघर्ष के दौरान मनोचिकित्सकों, परामर्शदाताओं और उनके परिवार के समर्थन से सहर ने अपनी अभिव्यक्ति को चित्रित करना शुरू किया। इस अवसर पर डॉ सुधीर भंडारी ने मानसिक बीमारी से निपटने में कला थेरपी महत्व के बारे में बताया। उन्होंने सहर के चित्रों की सराहना की और कहा कि मानसिक बीमारी के बारे में उनके खुलकर बोलने से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के आसपास की वर्जनाओं से लड़ने में मदद मिलेगी।  जे के के में बेयरफुट कॉ...

लखनऊ के बदलते कला परिदृश्य में महिलाओं की भूमिका : अखिलेश निगम

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अखिलेश निगम   फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी के पहले " स्थापना दिवस " के उपलक्ष्य में ' अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ' ( ८ मार्च २०२२ ) पर प्रारंभ " प्रिंटमेकर्स बारह " नामक कला प्रदर्शनी का एक माह बाद गुरुवार ( ७ अप्रैल २०२२ ) को समापन हो जायेगा। इस चर्चित प्रदर्शनी में देश की बारह महिला छापाकारों के विभिन्न माध्यमों के छापा चित्रों को प्रदर्शित किया गया। लखनऊ में इसे अपने किस्म की अनूठी प्रदर्शनी कहा जा सकता है। वह इस मायने में कि सिर्फ महिला छापाकारों के कामों को लेकर आयोजित यह संभवतः पहली सामूहिक कला प्रदर्शनी रही है। इसमें सिर्फ बारह कलाकारों को लेना साल के बारह महीनों का प्रतीक है। कोरोना त्रासदी के मध्य विगत वर्ष ( २०२१ ) ८ मार्च से प्रारंभ इस वीथिका का ध्येय था कोरोना त्रासदी से पीड़ित कलाकारों ( विशेषत : स्वतंत्र कलाकार ) के मनोबल को बनाये रखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना . कोरोना काल की सावधानियों का पालन करते हुए वीथिका ने कई ...