लोककला शैलीयों पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी : संदीप सुमहेन्द्र

"जवाहर कला केन्द्र में अतिशय कला संस्था की और से 28 व 29 जुलाई को 50 से अधिक महिला चित्रकारों द्वारा चित्रित चित्रों की दो दिवसीय प्रदर्शनी, सुरेख कला दीर्घा में आयोजित हुई।" संस्था की अध्यक्षा डॉ. रीटा प्रताप से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से राजस्थान की लोक कलाओं पर आधारित चित्रण कर राजस्थान की पहचान के साथ कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। प्रदर्शनी का विधिवत शुभारंभ कलाविद प्रो. चिन्मय मेहता एवं ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्री लक्ष्मण व्यास द्वारा किया गया। चित्रकारों ने अपने चित्रों द्वारा राजस्थान की संस्कृति को बहुत सुंदर और आकर्षक चटकीले रंगो से चित्रित किया। अधिकतर चित्रकारों ने मांडणा चित्र शैली को आदर बनाकर अपने चित्रों को चित्रित किया। कुछ चित्रकारों ने इन्हीं लोक कलाओं की शैली में कंटेम्प्रेरी चित्रण भी किया। लाख चित्रकार द्रौपदी मीणा ने अपनी पेंटिंग के बारे में कहा कि मैं लाख माध्यम को प्रयोग करते हुए हर बार अपनी पेंटिंग्स में नये प्रयोग करने कि कोशिश करती हूं और लोक कला शैलीयां मुझे बहुत पसंद है। ...