कलागुरु डॉ. सुमहेन्द्र की स्मृति में समसामयिक चित्रकला शिविर एवं परिचर्चा का शुभारम्भ

कलावृत्त 
और 
स्नेहा आर्ट गैलरी, 
हैदराबाद 
के सयुक्त तत्वाधान में कलागुरु डा. सुमहेन्द्र शर्मा के 76 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में चार दिवसीय ‘‘समसामयिक कला शिविर एवं कला परिचर्चा-2019’’ का राजस्थान ललित कला अकादमी के सौजन्य से राजस्थान ललित कला अकादमी परिसर में शुभारम्भ हुआ।    

कलाविद आर. बी. गौत्तम ने इस कार्यक्रम की सरहाना करते हुए कहा की कलाकारों की स्मृति मे किये गए कार्यो से यहाँ कलाकारों मे उत्साह का संचार होता है। डॉ सुमहेन्द्र हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहे। उन्होनें लगभग कला की सभी विधाओं मे कार्य किया एवं प्रसिद्धि पायी चाहे चित्रकला हो या आधुनिक समसामयिक कला के साथ ही लघु चित्रण सहित सभी कला विधाओं मे उनका सामान अधिकार था।

वरिष्ठ कलाकार भवानी शंकर शर्मा पूर्व अध्यक्ष राजस्थान ललित कला अकादमी ने कहा की सुमहेन्द्र जी जीवट कलाकार थे।  कला के प्रति उनका अनुराग युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा है, कई कला गतिविधियों मे उनका साथ मुझे हमेशा याद रहेगा।  अकादमी द्वारा किये वरिष्ठ कलाकारों के शिविर मे स्वास्थ ठीक नहीं होने पर भी वे शामिल हुए थे।

कलावृत के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने कहा की कलावृत्त द्वारा हमेशा मूर्तिकला शिविरों का आयोजन किया है, पहली बार स्नेहा आर्ट गैलेरी के साथ मिलकर समसामयिक चित्रकला शिविर एवं परिचर्चा का आयोजन किया है। इस कला शिविर में देश व प्रदेश के प्रख्यात 12 कलाकार कैलाश शर्मा-जयपुर, विरेन्द्र बन्नु-जयपुर, संजीव गोगोई-असम, डा. स्नेहालता प्रसाद-हैदराबाद, अमोल पंवार-पूणे, अनिल गायकवाड़-मध्य प्रदेश, संजय कुमार-उत्तर प्रदेश, रेणुबाला-पठानकोट, विजय नागा-जयपुर, सुमित सेन-जयपुर एवं डा. विभुति पण्डया-उदयपुर ये सभी कलाकार ‘समसामयिक‘ विषयों पर अपने विचारो को रंग एवं तूलिका के माध्यम से कैनवास पर अभिव्यक्त करेंगे।


स्नेहा आर्ट गैलेरी की संस्थापक डा. स्नेहलता प्रसाद ने कहा कि कला और कला के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास कर रहे कलावृत्त के इस कार्यक्रम में सहभागी बनकर अपने आपको गौरान्वित महसूर कर रही हूँ स माँ मै डा सुमहेन्द्र सर की सोच से सदैव प्रभावित रही हूँ जिस तरह से उन्होंने कला और कलाकारों के उत्थान के लिए कई कार्य किये स्नेहा आर्ट गैलरी भी सदैव उनके पद चिन्हो पर चलते हुए उनके उदेश्यो को पूर्ण करेंगे।

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