कलाकृति के निर्माण में विषय का चयन करते समय साहित्य हमेशा केंद्र में बना रहा विशेषत: धार्मिक साहित्य

कला एवं साहित्य (भाग-०१)

कलाकृति के निर्माण में विषय का चयन करते समय साहित्य हमेशा केंद्र में बना रहा विशेषत: धार्मिक साहित्य किंतु एक साहित्यकार की नज़रें कलाकृति में क्या देखती है वह कलाकृति में क्या खोज रहा है

कला एवं साहित्य इन्ही सवालों से जुड़ी उत्सुकताओ एवं संभावनाओं को उजागर करने काप्रयास है मिट्टी के पात्रों पर काली लाल आकृति तकनीक से किया गया चित्रण यूनानी आर्काइक कला की पहचान थी  इन्हीं ही उत्कृष्ट कलाकृतियों को केंद्र में रखकर रोमांटिक कवि जॉन कीट्स ने Ode on a Grecian urn की रचना की। कवि यूनानी पात्र के समक्ष हतप्रभ खड़ा हुआ अपनी कल्पना शक्ति से देख रहा कि एक स्थिर पात्र पर घटनाए किस प्रकार घटित हो रही है।

प्रेमी अपनी प्रेमिका को पकड़ने के लिए आगे बढ़ रहा है,कुछ युवक तेज़ी से भाग रही युवतियों का पीछा कर रहे है, वाद्ययंत्रों से बजता हुआ संगीत उसे सुनाई देता है।वह ईर्ष्याकर रहा है, उन मनुष्यों से जिनका प्रेम और आनंद हज़ारों बरसों का समय बीत जाने पर भी स्थिर है,किन्तु यहाँ कवि दुविधा में भी है, वह देखता है

जो अमर है वह जीवित  नहीं है, और जो जीवित है वह अमर नहीं है। प्रेमी युगल एक विशिष्ट क्षण में क़ैद हो गया है, प्रेमी चाहकर भी आगे बढ़कर प्रेमिका को आलिंगनबद्ध नहीं कर सकता।वह उस समय में स्थिर हो गया है। वह हर समय विधमान है।

किन्तु समय के साथ चलायमान नहीं है, स्वतंत्र नहीं है। दूसरी और मानव जीवन नश्वर है समय के साथ उसे भुला दिया जाएगा।

ये मन की पीड़ा है, किन्तु वह गतिशील है, निरंतर परिवर्तनशील है, स्वतंत्र है, किन्तु अमर नहीं है।

कवि जीवन दर्शन पर चिंतन करते हुए अपने नज़रिये से जीवन का सार या व्यक्त करता है।

                                         Beauty is truth,
                                         truth beauty-that is all
                                         Ye know on earth,
                                         and all Ye need to know.

 
लेखिका : डॉ प्रतिभा यादव
पूर्व प्राचार्या, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स

Comments

  1. बहुत खूबसूरत चित्त्ररन

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  2. बड़ा ही सौभाग्य है कि हमे प्रतिभा मेडम जैसे गुरु मिले ओर उनसे पाश्चात्य कला जैसे विषय के बारे मे पड़ने को मिला । 🙏☺️☺️

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  3. बहुत ही खूबसूरती से चित्रण एवं वर्णन किया है। सत्य के बिल्कुल नजदीक जो अमर है वो जीवित नहीं ओर जो जीवित है वो अमर नहीं। शुभकामनाएं ,🙏

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  4. व्यक्ति सामान्य जीवन के साथ आनंद का अनुरागी सदैव रहा हैं,अपने आदि से ही क्योंकि आत्मिक आनन्द से साहचर्य रहा है। उसके लिए भावपूर्ण होना ही मात्र पर्याप्त था। साहित्य जीवन की चेतना ही तो है, वह चेतना जो जीवन को श्रेष्ठ मूल्यों के साथ आत्मिक सन्तोष प्रदान करें, यही चेतना प्रत्येक काल में शब्द व रुप में परिभाषित होती रही है। अतः यह आश्चर्य नहीं वरन् आल्हादित होने का विषय है।... सादर साधुवाद। आभार।।

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  5. It's nice article .but i think when we select to subject of painting our vision is come is use for subject .our vision get maturity by literature ,history ,social information or our social duty ..I think it because I am master of art from Rajasthan school of art .. literature can one part of art .it is my view ...

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  6. बहुत ही मार्मिक प्रसंग है,
    सत्य, ज्ञान, आध्यात्मिकता मार्मिकता आदि को अपनी अभिव्यक्ति द्वारा सुंदर संयोजन को सुंदर चित्रण एक अच्छा कलाकार ही कर सकता है ....
    कलाकार, कला का वह नायाब नमूना है जो एक ही जगह पर रहते हुए संपूर्ण विश्व का सुंदर व्याख्यान कर सकता है,
    परमपिता परमात्मा ने इस जगत की रचना भी एक कला की स्तुति के रूप में ही की है ...
    सुंदर आकाश, धरती, ग्रह, नक्षत्र तारे , सुंदर और आलौकिक वातावरण यह सब कला का ही एक नाम नायाब नमूना है ...
    धरती पर सृजन का काम परमात्मा ने मनुष्य को सौंपा है , मनुष्य चाहे तो जीवित रहकर भी अमर हो सकता है....
    अमर का शाब्दिक तात्पर्य जो कभी ना मरे ....मनुष्य अपने विचारों द्वारा अभिव्यक्ति का सुंदर चित्र द्वारा हमेशा के लिए अमर हो सकता है....
    कला और शब्द दो ऐसे जादूगर है जो मनुष्य को जीवित रहते हुए भी अमर कर देते हैं,
    " सुंदर चित्रण के लिए आचार्य यादव जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं"

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  7. कलाकृतियों की व्याख्या का‌ सदैव स्वागत है ।
    एक रचनाकार अपनी रचना को माध्यम बनाकर अपनी भावनाओं को उकेरा देता है , किन्तु यह आवश्यक नहीं है कि वह अपने विचार शब्दों में भी व्यक्त कर सके ।
    डॉ प्रतिभा यादव का हार्दिक आभार , आशा है इस तरह कलाकृतियों की व्याख्या का‌ प्रवाह अनवरत गतिशील रहेगा ।

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  8. यूनानी कला से जुड़ी नवीन जानकारी कला चिंतकों हेतु बेहद उपयोगी है।

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  9. बेहद उपयोगी जानकारी

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