कला के मौन साधक एवं राजस्थान में भित्ति चित्रण पद्धति आरायश के उन्नायक प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा (भाग-01)
देश के जाने माने प्रसिद्ध चित्रकार प्रोफेसर देवकी नंदन शर्मा विश्व में पक्षी चित्रकार के रूप में विख्यात है। वॉश, टेंपरा , जल रंग चित्रों व अपने रेखांकनों की विशिष्टता के कारण अकादमी द्वारा अनेक पुरस्कारों से विभूषित राजस्थान के कलाविद के रूप में अलंकृत प्रोफेसर शर्मा ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई। उपरोक्त अलंकारों से विभूषित होने के बावजूद प्रोफेसर शर्मा की सहजता , सरलता और सादगी बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। प्रकृति अंकन , जनजीवन , धार्मिक , पौराणिक , ऐतिहासिक एवं पशु पक्षियों से संबंधित चित्रों की बहुल संख्या आप की कला में जीवन यात्रा के सुंदर वृतांत हैं। रूपाकारों की सहज अभिव्यक्ति और आत्मा संचारित रेखांकन आपकी कलाकृति के प्रमुख गुण हैं। चित्रों की प्रयोगधर्मिता व विविधता के साथ चित्रगत तकनीकी गहराई आपको देश में प्रथम श्रेणी के कलाकारों में विशिष्ट बनाती है। आपने शिक्षक और कलाकार दोनों ही भूमिकाओं का निर्वाह बड़ी कुशलतापूर्वक किया है और अपनी अलग छवि एवं पहचान बनाई है। प्रोफेसर शर्मा वनस्थली विद्यापीठ में 1937 से 2005 तक कला शिक्षा व अनुसंधान से जुड़े रहे। स...