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Showing posts from September, 2020

बिष्ट जो रच गए इतिहास : अखिलेश निगम

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भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती पर प्रो. रणवीर सिंह बिष्ट को दिया गया 'कला सेवा' का पुरस्कार उनको दिए गए सम्मानों की अंतिम कड़ी थीl आज जब श्री बिष्ट दिवंगत (25 सितम्बर, 1998) हो गए हैं तो लगता है कि शायद यह नियति का एक संकेत था - अब तुम्हारा काम पूरा हुआ विश्राम करोl अपने घर लैंसडाउन (गढ़वाल) से वे 50 वर्ष पूर्व सन् 1948 में कला की शिक्षा लेने लखनऊ आये थे और फिर वे लखनऊ के ही होकर रह गएl यहीं के कला महाविद्यालय से उन्होंने कला की अपनी शिक्षा वर्ष 1954 में ही पूरी की थीं और फिर दो वर्ष के अंतराल के बाद वहीं अध्यापक तथा सन 1968 में वहीं प्रधानाचार्य हो गए जहां से सन् 1989 में वे सेवानिवृत हुए l इसी बीच सन् 1973 में महाविद्यालय के लखनऊ विश्विद्यालय में विलीन हो जाने पर वे ललित कला संकाय के डीन भी रहेl इस प्रकार कोई 33 वर्षो तक उन्होंने कला महाविद्यालय की सेवा कीl ... एक लम्बा समयl उनके व्यक्तित्व में एक विशेषता थी कि वह विविधता भरा था - एक कुशल कलाकार, एक कुशल अध्यापक , एक कुशल प्रशासक l  वहीं दूर दृष्टि के साथ अपनी शर्तो पर काम करना उन्हें अधिक पसंद था l यही कारण था कि जहां उनके असंख...
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बणी-ठणी और चित्रकार सुमहेन्द्र राजस्थानी चित्रकला में किशनगढ़ शैली का अपना महत्त्व हैl जयपुर के कलाकार सुमहेन्द्र ने प्राचीन शैली को आधुनिक परिवेश देने का प्रयास किया हैl चित्रकार सुमहेन्द्र से अखिलेश निगम की एक भेंट यहाँ प्रस्तुत है-  राजस्थानी चित्रकला में किशनगढ़ शैली को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हैl इस शैली के चित्रों में साहित्य और कला का अद्भुत सामंजस्य हैl इस शैली के चित्रों की नायिका बणी ठणी नामक एक स्त्री थीं, जिसकी ख्याति नागरीदास जी की प्रेयसी के रूप में हुईl कहते हैं इश्क और मुश्क छुपाये नहीं छुपताl फिर नागरीदास और बणी-ठणी का इश्क तो एक अमर कथा बन गयाl जिसे स्वयं नागरीदास जी ही काव्य और चित्रों में बंधवा गए हैंl  नागरीदास जी किशनगढ़ के महाराज थेl भावुक ह्रदय कवि तथा संगीत एवं कला के मर्मज्ञl नागरीदास जी कलाकारों का सम्मान करना बखूबी जानते थेl बणी-ठणी का वास्तविक नाम क्या था ? यह तो आज तक अज्ञात है, पर कहा यह जाता है कि गुलाम स्त्री थींl  "बणी-ठणी" नाम उसको नागरीदास जी का दिया हुआ थाl इस नाम के अनुरूप ही उसकी काया व छाया दोनों ही थीं अर्थात एक सुसंस्कृत-श्रृ...