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Showing posts from May, 2022

कोरोना प्रकृति का कलात्मक रूपांतरण : संदीप सुमहेन्द्र

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राज्य के आला गीला पद्धति के श्रेष्ठ चित्रकार एवं शिक्षक आदरणीय प्रो. देवकीनन्दन शर्मा जी के सुपुत्र वरिष्ठ चित्रकार भवानी शंकर शर्मा ने आकृति कला संस्था के 10वें वर्ष के अवसर पर आयोजित मंजू मिश्रा के चित्रों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन भीलवाड़ा के स्थानीय युवा चित्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज युवाओं को ज्ञान प्राप्ति के लिए उनकी भूख जगनी चाहिए जिससे वें अधिक से अधिक देखकर पढ़कर अपनी सृजन यात्रा में अच्छी सफलता प्राप्त कर सके। युवा कला छात्रों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड -19 के समय एक बहुत बड़ा बदलाव सामाजिक जीवन में आया। परिवार से   जुड़ाव अधिक हुआ। अपनी बात कहूं तो मैं इन दिनों आत्म केंद्रित और अपने को समझने की कोशिश में लगा रहा। मेरे स्टूडियो में रखे कैनवास पर नए नए रूप आकार और रंग संयोजित होने लगे। मेरा प्रकृति से व अपने परिवेश से को संवाद हुआ, कोविड - 19 कोरोना का जो मनोवैज्ञानिक बदलाव आया, उससे मन में सृजनात्मक हलचल हुई। घर में लगे पेड़ पौधे सुबह शाम छत पर खुले आकाश का आनंद, सूर्य - चांद, बादलों के बदलते रूप, आकार और रंग सभी ने अपनी और से आकर्षित किया।...

वरिष्ठ चित्रकार मंजू मिश्रा - कलारूपों का लोक अभिप्राय : संदीप सुमहेन्द्र

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  भीलवाड़ा की आकृति आर्ट गैलरी में हुई एकल चित्र प्रदर्शनी। आकृति कला संस्थान एवं एल . एन . जे . समूह के सहयोग से संस्थान के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वरिष्ठ चित्रकार श्रीमति मन्जु मिश्रा के रेखाचित्रों की एकल चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन वकील कॉलोनी स्थित आकृति आर्ट गैलेरी में आज राजस्थान ललित कला आदमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो . भवानीशंकर शर्मा , मॉडणा चित्रकार विद्या देवी सोनी , समाजसेवी लक्ष्मीनारायण डाड , वरिष्ठ मूर्तिशिल्पी गोवर्धन सिंह पंवार , रंगकर्मी गोपाल आचार्य , समाजसेवी पूजा ग्लुण्डियां , कार्टूनिस्ट उदयप्रभाकर लाड के करकमलों से सम्पन्न हुआ। संस्था के सचिव कैलाश पालिया ने बताया कि मन्जू मिश्रा राजस्थान की ऐसी प्रतिभा सम्पन्न कलाकार है। जिनकी रचनाशीलता में लोक कलाओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है। राजस्थान में नारी शिक्षा की अलख जगाने और महिलाओं के स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करने वाली कलाकार का जन्म कलाकार परिवार में हुआ। वहां के ...

जयपुर में "कृपाल कुम्भ" उत्कृष्ट ब्लू पॉटरी का संगम स्थल : रमेश पठानिया

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जयपुर   शहर , अपनी ऐतिहासिक विरासत , राजघरानों , किलों , शूर वीरों की गाथाओं , और अपनी   परंपरागत   सांस्कृतिक धरोहर के लिए पर्यटन के मानचित्र पर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। और यहां की ब्लू   पॉटरी   भी अपनी विशिष्टता के लिए पूरे संसार में अपनी पहचान बनाये हुए है। वैसे तो अब जयपुर में ब्लू पॉटरी कई जगह बनाई जाती है , लेकिन बनी पार्क , शिव मार्ग के एक छोर पर शांत से घर में जिसे बहुत करीने से   ब्लू पॉटरी की   बेहतरीन कलाकृतियों से सजाया गया है और ख़ास बात है की यहां पर यह   पॉटरी बनाई भी जाती है , यह घर है , ब्लू   पॉटरी के भारत में जन्मदाता , पदमश्री स्वर्गीय कृपाल सिंह शेखावत का। उनकी बेटी कुमुद से बात हुई ब्लू पॉटरी को लेकर। ब्लू   पॉटरी पर्शिया से आयी थी। भारत में मुगलों   के समय इसका विस्तार हुआ , मुग़ल काल की बहुत सी इमारतों में , या मकबरों में , ब्लू टाइल्स का इस्तेमाल भी हुआ , ब्लू पॉटरी में कई तरह क...