अपनी तूलिका से धार्मिक रूढ़िवादी विचारधारा को नकारता कलाकार : संदीप सुमहेन्द्र

राजस्थान जोधपुर जिले के 78 वर्षीय चित्रकार सैयद मेहर अली अब्बासी विगत 65 वर्षो से अपने सृजनात्मक चित्रण के लिए प्रसिद्ध है।

 इस प्रसिद्धि का एक मुख्य कारण है उनके सिद्धहस्त हाथों से "भगवान गणेश" के चित्र बनाना, क्योंकि वें मुस्लिम समाज से है तो हिन्दू देवी - देवताओं की तस्वीरें क्यों बनाते है ? इसके लिए चित्रकार को अपने परिवार एवं समाज की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा, लेकिन इनके दृढता प्रथम पूज्य श्रीगणेशजी के प्रति आदर सम्मान और चित्रकार मन की कोमलता ने सभी की दखल और नाराजगी को नजरंदाज कर अपनी राह पर निरंतर चलते रहे।

उल्लेखनीय उपलब्धि है कि अब्बासी ने आज तक कि अपनी कला यात्रा मे भगवान गणेश के 4500 से अधिक तस्वीरें कला की हर विधा मे बनाई है जैसे जलरंग, पेस्टल, पेंसिल स्केच, ऑयल एवं टेंप्रा आदि। गणेश जी की तस्वीरें बनाने से भी इनको एक विशिष्ठ पहचान मिली।

चर्चा करते हुए अब्बासी जी ने बताया कि मैं बचपन से ही देखता आऐ की हर शुभ कार्य के लिए भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है इसने मेरे मन उनके प्रति आसक्ति हुई और फिर गणेशजी के विभिन्न रूपों का बहुत बड़ा दायरा है। भगवान गणेश का महत्व सिर्फ सनातन संस्कृति व धर्म में ही नहीं कला की हर प्रविधियों मे भी है, इनका धार्मिक और आर्टिस्टिक व्यू सच मे बहुत विस्तृत है और क्योंकि कला को किसी धर्म से जोड़कर किसी वर्ग विशेष मे बांधकर नहीं रखा जा सकता, ना ही रखना चाहिए।

अब्बासी का चित्रकार जीवन बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजरा है। इनका जीवन संघर्षों से गुजरा है, B.A करने के  11 साल बाद M.A. किया, उसके 8 साल बाद नेट भी पास किया। 1991 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में ललित कला विभाग की स्थापना की। बचपन से ही उनके माता-पिता, बड़े भाई और पत्नी ने उनका कला के क्षेत्र में विरोध किया। यह एक अच्छे चित्रकार, मूर्तिकार के साथ-साथ में अच्छे शिल्पकार भी है। इनके बनाए हस्तशिल्पों की प्रिंस चार्ल्स ने भी प्रशंसा की है। पेपर मैसी में भी सिद्धहस्त कलाकार हैं।

अपने रचनात्मक चित्रण की निरंतरता के लिए अब्बासी नियमित रूप से पेंसिल स्केचिंग करते है जो उन्हें बहुत प्रिय भी है, तेज रफ्तार से रैपिड स्केचिंग द्वारा दिमाग में आए विचार को 5-7 या 10 मिनिट में कागज पर रूपायित कर देते है जो इन्हें बहुत सुकून भी देता है। चित्रण मे लगभग सभी माध्यमों मे कार्य करते है विशेष रूप से ऑयल कलर मे चित्रण करना इन्हें बहुत भाता है। अब्बासी जी ऑयल कलर मे पेंटिंग बनाते है तो तूलिका के बजाय अधिकतर कार्य सीधे अपने हाथ की अंगुली और अंगुठे का उपयोग करते हैं।  

सैयद मेहर अली अब्बासी का जन्म राजस्थान के जोधपुर शहर के मंडोर जिले में सन 1945 में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के साथ- साथ इन्हें चित्रकारी मे भी विशेष रुचि रही तो आगे चलकर मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से चित्रकला मे विधिवत शिक्षा प्राप्त की। अब्बासी जी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के संस्थापक सदस्य एवं  विभागाध्यक्ष रहें । जेएनवियू मे 20 वर्षो तक अपनी सेवाएं दी।

राजस्थान ललित कला अकादमी की और से इन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार, तूलिका परिषद, उदयपुर से गोल्ड मेडल, फुल वालों की सैर मे  राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ जोधपुर काइट फेस्टिवल में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किया है। अब्बासी की तस्वीरें और शिल्प 

 नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डन आर्ट, ललित कला अकादमी, नई दिल्ली एवं जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में संग्रहीत है। प्रो. प्राण नाथ मागो ने अपनी पुस्तक "कंटेम्प्रेरी आर्ट ऑफ इंडिया" मे अब्बासी की तांत्रिक कला पर बनाई तस्वीर के साथ इनके चित्रण का विशेष गुणगान किया है, इस पुस्तक में भारत के श्रेष्ठ तांत्रिक कलाकारों मे अब्बासी का नाम भी शामिल किया है, जिसमें जी. आर. संतोष और अन्य  तांत्रिक कलाकार हैं।

इनकी तांत्रिक कलाकृती राष्ट्रीय ललित कला अकादमी नई दिल्ली मे संग्रहित हैं।

यह तस्वीर राष्ट्रीय ललित कला अकादमी द्वारा सन 1982 मे खरीदी गई जो अब भी उनके संग्रह में है। तांत्रिक विधा मे भी अब्बासी जी ने बहुत  तस्वीरें बनाई है। इसी प्रकार इनके द्वारा बनाया गया एक मूर्तिशिल्प "ब्रोकन हार्ट ऑफ़ वूमन" जिसे भोपाल त्रासदी पर बनाया गया था। यह शिल्प आधुनिक राष्ट्रीय कला दीर्घा के संग्रह में है।

मेरी अब्बासी जी से हमेशा ही फोन पर बातें होती है, व्यक्तिगत रूप से मैं कुछ माह पूर्व राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित कला मेला में मिला था, दोनों के पास खूब समय था सो बाते भी खूब हुई, तभी मुझे उनके गणेशजी के 4500 से अधिक चित्रों के बारे में पता चला था, हां इनमें पेंसिल स्केच से लेकर ऑयल पेंटिंग तक सभी माध्यम, विधाएं और साइजें शामिल है। 

पिछले कई वर्षो से धर्म और जाति आधारित राजनीति हो रही है जिसने आपसी सौहार्द मे खटास का काम किया है। वहीं अब्बासी ऐसे चित्रकार है जिन्होंने कला और उसके प्रति सम्मान के लिए इसे राजनीति से दूर कर अपनी अलग पहचान बनाई और सांप्रदायिक एकता कि मिसाल कायम की है। इसके लिए इनकी जितनी सराहना की जाए कम है।



संदीप सुमहेन्द्र

2-ट-8, जवाहर नगर,

जयपुर (राज.) 302004

मोबाइल : 98294 37374

ई मेल : sundipsumahendra@gmail.com






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