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Showing posts from September, 2022

पारंपरिक लघु चित्रण कला को समर्पित महिला चित्रकार एवं शिक्षिका : संदीप सुमहेन्द्र

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पंजाब की निवासी चित्रकार जसप्रीत कौर वर्तमान में गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स, लुधियाना में असिस्टेट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रही है। लघु चित्रण के प्रति अपने लगाव एवं कलागुरू डॉ. सुमहेन्द्र द्वारा वर्ष 2005 से पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में आरंभ किए लघु चित्रण के विशेष पाठ्यक्रम में विधिवत लघु चित्रण विधा को अपने गुरु डॉ. सुमहेन्द्र के सानिध्य में वर्ष 2009 से 2011 तक प्रशिक्षण ले कर सीखा और इसकी बारीकियों को समझा, और निरंतर अभ्यास से दिन प्रतिदिन अपनी कलम को और उत्कृष्टता प्रदान कर नये नये प्रयोग कर लघु चित्रण में सृजन कर रही है। जसप्रीत इस विधा में प्रयोग होने वाले प्राकृतिक रंगो का ही उपयोग करती है जिन्हें ये स्वयं ही बनती है। परम्परागत चित्रण के साथ साथ इसी विधा में समसामयिक विषयों पर भी बहुत उत्कृष्टता और सुंदर संयोजन के साथ रंगो का चयन बड़ी सावधानी से करती है जिससे चित्र की मौलिकता देखते ही बनती है। अपनी यादों को ताजा करते हुए जसप्रीत ने बताया कि जब मैंने पंजाब यूनिवर्सिटी में पहली बार सुमहेन्द्र सर को पेंटिंग बनाते हुए देखा तो लघु चित्रण के प्रति मेरा भी इंट्रेस्ट और बढ...

सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान श्री विश्‍वकर्मा और उनके शास्‍त्र : श्रीकृष्ण जुगनू

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यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है कि कल तक जो शिल्प और स्थापत्य के ग्रंथ केवल शिल्पियों के व्यवहार तक सीमित और केन्द्रित थे, उन पर आज अनेक संस्थानों से लेकर कई विश्व विद्यालयों तक ज्ञान सत्र आयोजित होने लगे हैं, सेमिनार, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियां, वेबीनार आदि होने लगे हैं। अनेक विद्वानों की भागीदारी होने लगी हैं। शिल्प के ये विषय पाठ्यक्रम के विषय होकर रोजगार और व्यवहार के विषय हुए हैं। शिल्‍प और स्‍थापत्‍य के प्रवर्तक के रूप में भगवान् विश्‍वकर्मा का संदर्भ बहुत पुराने समय से भारतीय उपमहाद्वीप में ज्ञेय और प्रेय-ध्‍येय रहा है। विश्‍वकर्मा को ग्रंथकर्ता मानकर अनेकानेक शिल्‍पकारों ने समय-समय पर अनेक ग्रंथों को लिखा और स्‍वयं कोई श्रेय नहीं लिया। सारा ही श्रेय सृष्टि के सौंदर्य और उपयोगी स्‍वरूप के र‍चयिता विश्‍वकर्मा को दिया। उत्तरबौद्धकाल से ही शिल्‍पकारों के लिए वर्धकी या वढ़्ढी संज्ञा का प्रयोग होता आया है। 'मिलिन्‍दपन्‍हो' में वर्णित शिल्‍पों में वढ़ढकी के योगदान और कामकाज की सुंदर चर्चा आई है जो नक्‍शा बनाकर नगर नियोजन का कार्य करते थे। यह बहुत प्रामाणिक संदर्भ है, ...

Indian artist join 18th International Mark Rothko Painting Symposium 2022 : Sundip Sumahendra

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Artist Amit Kalla is participate 18th International Painting Symposium. The Daugavpils Mark Rothko Art Centre will open the 18th International Mark Rothko Painting Symposium. Exhibition and host a meeting with the authors At 4 p.m. on Friday, 16 September, 2022. Eighteen and counting – that’s how many times Daugavpils has brought together artists from across the planet into a shared time-space to give free rein to their creativity and, possibly, change the world for the better, at least a little, because every bit counts. This is the tenth time the International Mark Rothko Painting Symposium has been held at the Daugavpils Mark Rothko Art Centre, making it an anniversary occasion. Indian artist Amit Kalla said, For me it's really wonderful moments to realise the sence and essance of creativity which certainly have much larger meaning, Art is the connection between man and Cosmic realm, which exists in our visual imaginations, Again and again each and every moment am trying to rea...

राजीव आचार्य : गागर में सागर सा एक व्यक्तित्व

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• राजीव आचार्य एक बहुआयामी व्यक्तित्व के घनी कुशल प्रशासक, अभिनेता निर्देशक, लाइट व साउण्ड इन्जीनियर, सम्पादक और वृत्तचित्रों का निर्देशन और अभिनय आदि भूमिकाएँ निभाने वाले हरफ़नमौला “राजीव आचार्य” को कला, साहित्य, लोक संस्कृति और फ़िल्मांकन के क्षेत्रों में कौन नहीं जानता, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के साथ काम करते हुए, उदयपुर को अपना उत्सव, यूएसएसआर के महोत्सव, शिग्मो उत्सव, लोकोत्सव, आदिम उत्सव और मारू से सागर तक और राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र में आयोजित अन्य प्रमुख त्योहारों के सफल संचालन के लिए अग्रणी क्रेडिट “राजीव” को जाता हैं। दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली के केंद्र शासित प्रदेशों के साथ गोवा और जवाहर कला केंद्र, जयपुर में उन्होंने लोकरंग और अन्य वार्षिक उत्सवों का प्रबंधन भी किया। नाट्य रूपांतरण के साथ-साथ विविध क्षेत्रों के नायाब जादूगर “राजीव” की विभिन्न उपलब्धियों में से एक उपलब्धि प्रस्तुत वीडियो हैं, जिसमें गुलाबी नगर जयपुर के कला तीर्थ “जवाहर कला केन्द्र” पर बने वृत्तचित्र में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह के वास्तुशास्त्र से लेकर जवाहर कला केन्द्र की ड...