नेपाल की अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में राजस्थान के चित्रकारों की भागीदारी
नेपाल, भारत और बंग्लादेश के बीच मित्रता बढ़ावा देने के उद्धेश्य से 6:वी अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी 2023 का आयोजन नेपाल के राजधानी काठमांडू में किया गया।
प्रदर्शनी का आयोजन चीबहाल आर्ट इंस्टिट्यूट, सुनाकोठी, ललितपूर, नेपाल के द्वारा एक कलात्मक होटल के कला वीथिका संजो आर्ट गैलरी, काठमांडू में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि माननीय मंत्री (Ex. MFALD ) राजेंद्र प्रसाद श्रेष्ठ, वरिष्ठ कलाकार गेहेनड्र मांन आमर्त्य, मैनेजिंग डायरेक्ट चिरंजीवी भट्ट आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। प्रदर्शनी में कुल अड़तीस कलाकारों की प्रतिभागिता रही। जिसमें भारत से चार कलाकारों की कृतियों को सम्मानित किया गया था।
भारतीय कलाकारों में जयपुर से डॉ. रेणु शाही, श्री नवल किशोर मिश्र और धनमेष तथा अजमेर से सुश्री ममता देवड़ा की कृतियां चयनित हुयी थी। अन्य कलाकारों में नेपाल से श्री चिरंजीवी भट्ट, राजन महाराजन, सरूना देवी, सोहेल कुशल, प्रकाश मीजर, मांन आमातय, सुदर्शन राज शाक्य, रिया बजरंचर्या, श्रुतकृति नाकारमी, रुखसाना महाराजन, सुषमा अग्रवाल, धृतiका तिवारी, अनिल महाराजन, सूरेन देसर, मानाहारा प्रजापति, जेनी नाकारमी, आजेश चित्कार, किरन सीघू, अच्युत महाराजन, चन्द्रा श्रेष्ठ, बिपाना महाराजन, ज्योति खादका, आर्या उदास, अर्पिता पाराजुली, मानास्वी दहल, आर्या महाराजन, इवा केसी, किशोर नकरमी, राजकुमार महाराजन, बिकास शाक्य, रेशमी माली, सुमित्रा बारल और सुषमा राज भंडारी नेपाल से तथा नफीसा इस्लाम बंग्लादेश के कलाकार थे।
दस दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे भाग में कला शिविर का आयोजन किया, जिसका उद्धाटन काठमांडू के सरकारी चीटियां घर के सभागार में श्री जितेंद्र कुमार श्रेष्ठ, जिला सभापति, नेपाली कॉंग्रेस के किया गया। इस अवसर पर युवा कलाकारों के साथ संस्था के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के क्यूरेटर श्री राजन महाराजन, चिड़ियाघर के क्यूरेटर श्री गणेश कोइराला, चित्रकार सरूना महाराजन, सुषमा राज भंडारी, कमला शाक्य सृष्टि, पुलिस अधिकारी श्रीमती खिनु बिष्ट अधिकारी तथा भारतीय से आयी चित्रकार डॉ. रेणु शाही एवं फोटोग्राफर श्री नवल किशोर मिश्र उपस्थित थे। कला शिविर 19 से 28 तक चला। शिविर में सभी कलाकारों ने कलाकृतियों का सृजन किया। जिसमें मूर्ति एवं चित्र का विशेष स्थान रहा।
कार्यक्रम में फोटोग्राफर नवल ने अपनी कला के माध्यम से सभी को उत्साह से भरते हुए पूरे कार्यक्रम की फोटोग्राफी विशेष दृष्टीकोण से तथा विशेष मुद्राओं में की। नवल वैसे तो व्यापारिक कला के विद्यार्थी है परंतु छायाचित्र में उनकी विशेष रुचि है इन्होंने बहुत से क्षेत्रों में अपनी फोटोग्राफी के अद्भुत नमूने प्रस्तुत किए है।
राजस्थान से ही अजमेर जिले की चित्रकार सुश्री ममता देवड़ा अमूर्तन कला की कलाकार है। इन्होंने रंगों को उनके स्वभाव के अनुसार सामंजस्य करने की अपनी क्षमता का परिचय दिया है जो सराहनीय है। ममता के अनुसार "कलाकार द्वारा किसी भी संस्कृति में उपलब्ध सामाजिक मूल्यों को कला के माध्यम से अभिव्यक्त किया जाता है सृष्टि में मनुष्य किसी भी देश समाज में व्याप्त चुनौतियों को कलात्मक रूप प्रदान कर चित्रित करता है।" इसलिए चित्रकार को ऐसी गतिविधि यां एवं आयोजनों द्वारा कला व सांस्कृतिक आदन-प्रदान करने से ना सिर्फ भौगोलिक दूरियां कम होती है बल्कि एक दूसरे की कलात्मक अभिव्यक्ति और अनुभूतियों को महसूस कर एकजुट होकर आगे बढ़ने में बहुत सहायक सिद्ध होती है।
श्री धनमेष बुंदेला की कृतियां संगीत के अनुभवों दे सराबोर है। इन्होंने संगीत के वाद्ययंत्रों को मानव आकृतियों के साथ आपनी कृतियों में स्थान दिया है।
इस दस दिवसीय कार्यक्रम में डॉ. शाही को एक अतिथि चित्रकार के रूप मे आमंत्रित किया गया था। उन्होंने संस्था की ओर से आयोजित कला शिविर में कई चित्र बनाएं और पेंटिंग का on the spot painting live demonstration देकर वहां के कलाकारों एवं कला रसिक लोगों के बीच भारत का गौरव बढ़ाया। डॉ. रेणु जयपुर के ललित कला महाविद्यालय में चित्रकला विषय की सहायक आचार्य है तथा कला इतिहास भी पढ़ाती है। साथ ही एक कला समीक्षा भी है। उनके कला के प्रति समर्पण के कारण संस्था के अध्यक्ष श्री राजन महाराजन जी एवं नेपाल के प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ कलाकार श्री किरन मान्धार द्वारा विशेष सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. शाही को नेपाल के काठमांडू स्थिति त्रिभुवन विश्वविद्यालय के केंद्रीय ललित कला संकाय में भारतीय लघुचित्र परंपरा व कला एवं सौंदर्य पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित गया। प्रदर्शनी एवं कला कार्यशाला का आयोजन 18 से 28 मई तक रहा।
इसी निरंतरता में इन्हें 23 मई 2023 को "Art and Aesthetics Forum, Nepal" द्वारा 'भारतीय सौंदर्यशास्त्र' पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया। जंहा पर इन्होंने भारतीय सौंदर्य दर्शन पर व्याख्यान दिया। वर्तमान में यह जयपुर में निवास कर रही है। परतुं काशी की स्मृतियाँ अभी भी उनके साथ है। यही कारण है कि वो अपने चित्रों में काशी के मंदिरों एवं घाटों को चित्रित करती है। नेपाल में भी इन्होंने काशी के प्रति अपने प्रेम को चित्र धरातल पर उकेरा। इनकी कला शिक्षा वाराणसी से ही हुयी है। इन्होंने जीवन का एक लंबा समय कला के क्षेत्र मे बिताया है। यहीं कारण है कि वे कला के सभी पहलुओं से अवगत है। अपने इसी अनुभवों को उन्होंने नेपाल के युवा कला विद्यार्थीयों व कला जिज्ञासुओ के साथ साझा किया।
कला प्रदर्शनी के आयोजक श्री राजन महाराजन एवं कोषाध्यक्ष श्रीमती सरूना देवी महाराजन एवं कला वीथिका के क्यूरेटर श्री चिरंजीवी भट्ट ने सभी अतिथि कलाकारों एवं स्थानीय कलाकारों को बधाई, शुभकामनाएं व साधुवाद देकर भविष्य में और अधिक कार्यक्रम करने का आश्वासन दिया। प्रदर्शनी में प्रतिभागिता कर रहे चित्रकारों में वरिष्ठ चित्रकार सुषमा राज भंडारी, विभागाध्यक्ष, ललित कला विभाग, यूनिवर्सल कॉलेज, काठमांडू तथा सीनियर पुलिस अधिकारी श्रीमती खिनू बिसता अधिकारी ने सभी युवा कलाकारों को उनके सफ़ल प्रयास के लिए बधाई दी। कार्यक्रम का समापन सभी को अंगवस्त्र पहनाकर तथा प्रमाण-पत्र देकर किया गया।
It was the osm exibition.
ReplyDeleteGood 👍
ReplyDeleteश्री संदीप जी का बहुत-बहुत आभार l
ReplyDeleteVery nice art exhibition and art camp.... congratulations to Dr. Renu Shahi for lecture on art and aesthetic
ReplyDeleteI proud of you 🙏 congratulations !
ReplyDeleteVery nice exhibition 👌..congratulations di
ReplyDeleteआप लोग राजस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। Felling Proud 💐🙏
ReplyDelete"Wow, Nawal! Your photography skills never cease to amaze me. Each capture is a masterpiece, beautifully composed and brimming with emotion. Your keen eye for detail and ability to capture the essence of a moment is truly remarkable.
ReplyDeleteGreat Achievement Nawal! Your photography skills sre being recognized widely. Wish you more such Kudos.Keep up the good work.
ReplyDeleteAll the best for future endeavors.
सभी को धन्यवाद एवं शुभकामनायें l
ReplyDeleteAwesome👍
ReplyDeleteरेनू शाही जी आप और आपकी टीम बहुत ही महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं भारत की कला संस्कृति के लिए सभी लोगों को जोड़कर इतना अद्भुत कार्य कर रही हैं ।इसके लिए आपको साधुवाद भारत कला संस्कृति का एक विशाल देश है और यही हमारे देश की पहचान है पूरा विश्व भारतीय कला संस्कृति का लोहा मानता है। हम सभी को अधिक से अधिक लोगों को विद्यार्थियों को कला संस्कृति के साथ जोड़ना है ताकि प्रत्येक व्यक्ति कौन श्रेष्ठ बना सकें जो कला के साथ जुड़ जाता है। वह धार्मिक संकीर्णता जात पात का भेदभाव इन सब को बुलाकर कक्षा मनुष्य बन जाता है यह मेरे विचार हैं पुन में आपको बहुत साधुवाद और आशीर्वाद देता हूं आपके श्रेष्ठ कार्य के लिए।
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ReplyDeleteडॉ रेनू शाही जी प्रारंभ से ही अत्यंत कर्मठ चित्रकर्त्री रही है । अपने शोध के दौरान भी उन्होंने अत्यंत कठिन मेहनत किया है । एक अध्यापिका के रूप में भी इनकी महती भूमिका रही है। हम हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। ललित कला के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के लिए हमारे ब्लॉग पोस्ट Fine Art Tutorial पर hhtps://artistsknag.blogspot.com से अध्ययन सामग्री कला इतिहास, सौंदर्यशास्त्र, मेथड एंड मटेरियल )पढ़ी जा सकती है और हमारे द्वारा प्रसारित लेक्चर यूट्यूब चैनल Art Classes with Nag Sir पर भी उपलब्ध है ललित कला विधा से जुड़े हुए सभी जनों को प्रणाम करते हुए निवेदन है ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रसारित करें और सब्सक्राइब करें।
ReplyDeleteपुनः कला वृत के सभी सम्मानित सदस्यों का हार्दिक अभिवादन।
👌🙏
ReplyDeleteWow....
ReplyDeleteCongratulations 👏👏👏
ReplyDeleteबहुत खूब वाह सभी को बधाइयां
ReplyDeleteNice exhibition.... Congratulations 🎊 👏 💐
ReplyDeleteप्रिय रेणुका जी ,आपको अपनी इस उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई साथ ही आपकी कला के सफ़र को लगातार ऊंचाई की ओर चलते रहने की शुभकामना🌹
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