राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में स्तरीय सुधार हेतु कला शिक्षकों, पूर्व छात्रों, वरिष्ठ चित्रकारों से चर्चा एक सार्थक पहल : संदीप सुमहेन्द्र
तीन जुलाई 2024 को राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में वर्तमान प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार खंडेलवाल जी ने संस्था के "हितधारकों" की स्कीम के तहत स्कूल ऑफ आर्ट के पूर्व छात्रों, सेवानिवृत्त शिक्षकों, कलाकारों एवं शिक्षा आयुक्तालय के अधिकारियों को मीटिंग के लिए आमंत्रित किया। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य था कि राज्य की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित कला संस्था "राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के वर्तमान स्तर से उभारने के लिए क्या किया जाना चाहिए उसके लिए सभी से उनके सुझाव के साथ आपेक्षित सहयोग देने पर खुलकर चर्चा हुई।
- आर्ट स्कूल के स्तर को पुनः राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने हेतु क्या किया जाएं ?
- छात्रों को प्रदर्शनियों, कला शिविरों में अधिक प्रतिभागिता कैसे मिले ?
- इंतरनशिप के लिए तथा अन्य कलाओं के बारे में तकनीकी एवं व्यावहारिक जानकारी अधिक से अधिक कैसे प्राप्त हो ?
- पूर्व छात्रों द्वारा वर्तमान छात्रों को उनसे आपेक्षित सहयोग कैसे मिले जिससे वें कला जगत में निरंतर अपनी उपस्तिथि बनाएं रखें ? इत्यादि समस्याओं के निराकरण पर खुलकर बातें हुई।
सर्वप्रथम इसके लिए सभी पूर्व शिक्षकों एवं छात्रों ने एक स्वर में कहा कि सबसे पहले आयुक्तालय को कला विधा विषय से संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति करवाने की बात कही। जिसके लिए छात्रों द्वारा वर्षो से लंबी लड़ाई भी लड़ी और अपनी इस मांग के लिए एक बार कक्षाओं में बैठे बिना अपनी पढ़ाई जारी रखी। हां कुछ वर्षो पहले एक 18 दिन की और दूसरी 38 दिन के थोड़े आक्रामक विरोध एवं इसकी जरूरत को समझते हुए आयुक्तालय ने RPSC द्वारा 16 नियमित कला शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पदों की स्वीकृति करवा के उसके लिए विज्ञापन प्रकाशित करवा कर आवेदन मांगे है। संभवतः लेकिन इस पर पूर्व छात्रों को अभी संशय था की वर्षों से चल रही छात्रों की मांग इतनी जल्दी पूरी होगी।
तब प्राचार्य डॉ. अनिल खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए RPSC द्वारा आवेदन मांगे गए थे, सभी पदों के लिए अब नियुक्ति के लिए फाइनल इंटरव्यू होने है उसके उपरांत अतिशीघ्र कला शिक्षकों की नियुक्तियां हो जाएंगी। सभी ने इसके लिए प्राचार्य महोदय को हर्ष के साथ धन्यवाद दिया।
इसके अलावा भी वर्तमान छात्रों को कला आयोजनों में तथा वरिष्ठ और विशेषज्ञ कलाकारों के साथ सामंजस्य के साथ तकनीकों एवं व्यावहारिक ज्ञान तो मिलना भी चाहिए। कला बंद कमरों में बैठकर नहीं वरन् अन्य कलाकारों के अनुभव एवं विधाओं की विशेष तकनीकों की जानकारी से परिष्कृत होती है इसलिए छात्रों और वरिष्ठ कलाकारों में निरंतर संवाद ही कार्यशालाएं, गोष्ठी, प्रदर्शनी के साथ साथ व्यक्तिगत संवाद भी हो तो बहुत प्रभाव पड़ेगा।
इस चर्चा में दो पूर्व छात्र जिन्होंने इसी आर्ट स्कूल में 30 वर्ष अगली पीढ़ी को शिक्षा दी और सेवानिवृत्त भी हो गए श्री हरशिव शर्मा और श्री नरेन्द्र यादव जो प्राचार्य भी रहे उनके साथ श्री रामवतार सोनी, विनय शर्मा, मैं स्वयं, महावीर भारती, सोहन जाखड़, मनीष शर्मा, गौरी शंकर सोनी, ताराचंद शर्मा, नितिन शर्मा, एन. एल. नागा, चन्द्रशेखर, लक्ष्मीकांत शर्मा, ने अपने अपने सुझाव दिए। आर्ट स्कूल के शिक्षकों में चित्रकला के विभागाध्यक्ष पंकज यादव, आकांक्षा कौशिक भी उपस्थित रहे तथा चंद्रकांता पालीवाल ने मंच संचालन किया।
वर्षों के बाद प्राचार्य डॉ. अनिल जी द्वारा पूर्व छात्रों को बुलाकर संस्था के लिए कुछ करने हेतु उनकी जिम्मेदारी का अहसास जगाया इस बहुद्देशीय प्रयास की सभी ने मुक्तकंठ से बहुत प्रशंसा भी की और उनका आभार जताते हुए धन्यवाद भी दिया।
मैंने पूर्व में छात्र से प्राचार्य रहे मेरे पिताश्री डॉ. सुमहेन्द्र द्वारा स्थापित संस्था कलावृत्त द्वारा नवम्बर-2024 में "समसामयिक लघु चित्रण" का शिविर आयोजित करने का प्रस्ताव रख उनसे स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया जिसे प्राचार्य महोदय ने उसे तुरंत ही स्वीकार कर लिया, यह शिविर गुरू-शिष्य परम्परा के तहत संस्था के दो भूतपूर्व प्राचार्यों पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय एवं डॉ. सुमहेन्द्र की स्मृति में आयोजित किया जाएगा।
लगभग 2.5 घंटे से अधिक चली चर्चा के उपरांत प्राचार्य महोदय ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मैं पूर्ण आश्वस्त हूं जयपुर के राजपरिवार द्वारा स्थापित इस कला संस्था में कला विधाओं के विषय से संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति के उपरांत यह संस्था पुनः अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर देश की शीर्ष कला महाविद्यालय का स्थान लेगी।
संदीप सुमहेन्द्र
पूर्व छात्र एवं एल्युमिनी मेंबर
sundipsumahendra@gmail.com
प्राचार्य जी की इस पहल का ह्रदय से धन्यवाद … उम्मीद करता हूँ कि आगे आने वाले समय में भी इस तरह के संवादों की नियमिता बनी रहेगी … जिससे संस्था अपनी प्रतिष्ठा पुनः स्थापित कर उसे निरन्तर आगे बढ़ाती रहेगी … !
ReplyDeleteमेरे योग्य सेवा के लिए मैं सदैव आप सभी के साथ हूँ … !
दिलीप दवे : 94133 40282
भूतपूर्व छात्र, राजस्थान स्कूल आंफ आर्ट्स
सार्थक पहल के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं, भारतीय चित्रकला शैली के संरक्षण, संवर्धन और प्रोत्साहन के लिए एकजुट होकर कार्य करें ताकि अधिक से अधिक लोग भारतीय चित्रकला शैली के बारे में जन सकें
ReplyDeleteसार्थक पहल के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं, भारतीय चित्रकला शैली के संरक्षण, संवर्धन और प्रोत्साहन के लिए एकजुट होकर कार्य करें ताकि अधिक से अधिक लोग भारतीय चित्रकला शैली के बारे में जन सकें।
Deletedr. चंद्रदीप हाडा
रंगमंच शोधार्थी, राजस्थान विश्वविद्यालय
बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद डॉ. चन्द्रदीप जी, अब आयुक्तालय भी कला विद्यार्थियों तो समस्याओं पर ध्यान देकर उनका जल्दी से जल्दी समाधान करने का प्रयास करे तो निश्चित ही सफलता मिलती है। इस सार्थक पहल के लिए स्कूल प्रशासन के साथ साथ आयुक्तालय का भी बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।
Deleteदिलीप जी, बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद आपका। मैं भी पूर्ण आशान्वित हूं कि इस प्रकार की बैठके नियमित रूप से होती रहेंगी।
ReplyDeleteसार्थक पहल के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं, नियमित संवाद और परिचर्चा किसी भी क्षेत्र में सफलता की और सार्थक कम होता है, आशा है भविष्य में भी इसे जारी रखा जाएगा।
ReplyDeleteविश्वास द्विवेदी, भूतपूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवं छात्र राजस्थान स्कूल अपार्ट जयपुर
विश्वास जी बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद, निसंदेह नियमित चर्चाओं से समस्याएं दूर की जा सकती है। आपके कॉन्टेक्ट नम्बर शेयर करे, मेरा मोबाइल नम्बर है 9829437374
Deleteअच्छी पहल हे हमे याद नही किया
Deleteसार्थक पहल के लिए सभी आदरणीय जनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बधाई 💐🙏 गुरूजनों को प्रणाम 🙏
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