राम जैसवाल : जल रंग के माहरथ चित्रकार व वरिष्ठ कला शिक्षक



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कलाविद श्रधेय राम जैसवाल जी का जन्म 05 सितम्बर 1935 को उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद के सादाबाद में हुआ था। कथाकार-चित्रकार राम जैसवाल जी के जलरंग-चित्रों में (बंगाल शैली के प्रभाव के साथ) प्रकृति के भिन्न-भिन्न स्वरूप आकार ग्रहण करते हैं। लेखन, खास तौर पर कहानी के क्षेत्र में वह पांच कहानी संग्रहों और एक कविता-संग्रह के लेखक हैं। अपने आरम्भिक शिक्षक दौर में वह पहले मेरठ गए, बाद में लखनऊ के कॉलेज ऑफ आर्ट में अध्यापन से जुड़ गये।


1964 में वह राजस्थान में स्नात्कोत्तर स्तर पर कला का अध्यापन शुरू होने के बाद दयानन्द कॉलेज, अजमेर में प्राध्यापक पद पर पदस्थापित हो गए । तब इन्होंने यहां आकर मौसमों, वृक्षावलियों, स्थानीय पहाड़ों, घरों, जानवरों, बाजारों, गलियों और रोजमर्रा के दृश्यों का वाश-शैली में चित्रण किया। उन्होंने न केवल भारतीय देवी-देवताओं को ही रंगों में उतारा, पर जयशंकर ‘प्रसाद‘ की कुछ कविताओं पर आधारित कल्पनाशील चित्र भी बनाये।







आपकी व्यक्तिचित्रण में कला-जगत में खास जगह और पहचान है । अजमेर में रहते हुए जैसवालजी ने जलरंग चित्रण की बहुत सी बारीकियों का स्पर्श करते हुए कई दृश्यचित्र और पोर्टेट रचे।

जैसवालजी की प्रतिभा पर परम्परागत बंगाल और लखनऊ घरानों के अंकन का प्रभाव ज्यादा रहा है । वह हमेशा से एक सुन्दर फलक दर्शक को उपलब्ध कराने के लिए सचेत रहे हैं ।




लेखक : दिलीप देवे (आर्टिस्ट)
Posted on Dilip Dave's Facebook Page on 13th Sept. 2019

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