यूनानी साहित्य में रामसेस।। को ‘ओजीमेन्डियास’ कहा गया है।


कला एवं साहित्य - (भाग-०२)

Ozymandias
  प्राचीन मिश्र की कला मनुष्य के मृत्यु के बाद के जीवन के इर्द गिर्द घूमती है। मृत्यु के बाद भी काजीवित रहती है इसी सोच के कारण विशाल आकार के पिरामिडों का निर्माण कर उसमें ममीको सुरक्षित रखा जाता था। विशालता एवं स्थायित्व कला का मुख्य ध्येय था जो कठोर पत्थर में बनाई गयी मूर्तियों में परिलक्षित होता है।

  प्राचीन मिश्र के नव साम्राज्य काल में महान शक्तिशाली फराहोहुआ था- रामसेस॥ अपनी विजयों से एक विशाल साम्राज्य के निर्माण के साथ-साथ विशाल मंदिरों एवं मूर्तियों का निर्माण उस काल में हुआ। मोजेज का मिश्र से पलायन भी संभवत: उसी काल में हुआ था।

  यूनानी साहित्य में इसी रामसेस।। को ओजीमेन्डियासकहा गया है। थीब्ज के उसके मोर्चरी मंदिर से उसकी एक खंडित मूर्ति ब्रिटिश म्यूज़ियम ले ज़ायी गई थी इसी पर ब्रिटिश रोमांटिक कवि शैलीने Ozymandias कविता लिखी।

  कवि एक यात्री के माध्यम से फराहो की मूर्ति का वर्णन करता है साथ ही यूनानी इतिहासकार डायोडोरस सिक्यूलस के उस उध्दरण को कविता में शामिल करता है जो उस लेख के संबंध में है जिसे इतिहासकार ने मूर्ति के आधार पर देखा था।         

          King of kings Ozymandias I am
          If any want to know how great I am
          And where I lie
          Let him outdo me in my work

दूर तक फैले रेगिस्तान के बीच पत्थर से बने दो पैर सीधे खड़े है। थोड़ी दूरी पर मिट्टी में धँसा हुआ मुख है,जिसके सिकुड़े हुए होंठ एवं आततायी भाव में शिल्पकार का हुनर और क्षमता दिखाई देती है, सब कुछ नष्ट हो गया, सिर्फ़ कला शेष है किन्तु वह भी खण्डित है, अमर नहीं है।कविता में कवि दो विपरीत भावों को साथ रखता है।एक ओर लेख के माध्यम से मनुष्य का गर्व, अपराजित होने का दंभ है, दूसरी ओर प्रकृति की शक्ति, विशालता है जिसने उसके दंभ के टुकड़े-टुकड़े करके अपने में समाविष्ट कर लिये।कवि शब्दों को अधिक महत्व दे रहा है। लेख ने ही उस मूर्ति को पहचान दिलाई है-King of the kings Ozymandias.


लेखिका: डॉ. प्रतिभा यादव
पूर्व प्राचार्य, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स,
जयपुर


Comments

  1. Good information about Art 🙏 Thanks for sharing

    ReplyDelete
  2. History is very surprising for us ,we can predict about history .we can't know accurate condition . But this artical is showing a research of art and culture of Egypt..so thanks to you ..

    ReplyDelete
  3. Thank you so much for sharing...

    ReplyDelete
  4. Nice
    Thanks for this article

    ReplyDelete
  5. Thanks
    I wish it was not so short an article

    ReplyDelete
  6. लेख में विस्तार की अपेक्षा है

    ReplyDelete
  7. नवीन जानकारी बेहतरीन।🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में स्तरीय सुधार हेतु कला शिक्षकों, पूर्व छात्रों, वरिष्ठ चित्रकारों से चर्चा एक सार्थक पहल : संदीप सुमहेन्द्र

कलाविद रामगोपाल विजयवर्गीय - जीवन की परिभाषा है कला : डॉ. सुमहेन्द्र

कला के मौन साधक एवं राजस्थान में भित्ती चित्रण पद्धति आरायश के उन्नायक प्रोफेसर देवकीनंदन शर्मा (भाग-03)