जवाहर कला केन्द्र, कला एवं कलाकारों का गढ़ - राकेश जैन
जवाहर कला केन्द्र लगभग साढ़े नौ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। भारत भवन भोपाल और गोवा आर्ट एकादमी जैसे कला संस्थानों के ख्याति प्राप्त वास्तुविद चार्ल्स कोरिया की वास्तुकला पर खड़ा और विशाल परिसर में करौली के लाल पत्थरों से निर्मित यह भवन अपने विशिष्ट वास्तुशिल्प के कारण दूर से ही आकर्षित करता है। इस बहु आयामी कला संस्थान में आडियो विजुअल विभाग , चाक्षुक कला विभाग , संगीत एवं नृत्य तथा नाटक विभाग के अलावा एक समृद्ध पुस्तकालय भी है जहां कला - संस्कृति संबद्ध हजारों दुर्लभ ग्रन्थ संग्रहित है। जवाहर कला केन्द्र के विशाल तोरणद्वार से प्रवेश करते ही दाईं और थियेटर है जिसमें मुख्यद्वार पर नाट्यकला के प्रतीक दो कठपुतलियां गोल स्तम्भों पर खडी है । थियेटर भवन में मुख्य थियेटर और ' एरेना ' है जिन्हें क्रमशः ' रंगायन ' एवं ' कृष्णायन ' कहते हैं । इसी भाग में नाट्य विभाग का कार्यालय भी है । नाट्य विभाग के ठीक सामने संदर्भ कक्ष है जिसके निचले खंड में पुस्तकालय और ऊपर आडियो विजुअल भाग है , जहाँ दुर्लभ सामग्री के अलावा रेकार्डस ( ग्र...