राजस्थान के अदभुद कला साधक वरिष्ठ चित्रकार नरेंद्र सिंह चौहान - संदीप सुमहेन्द्र

जयपुर पोर्ट्रेट और यथार्थवादी चित्रकला के सिद्धहस्त चित्रकार श्री नरेन्द्र सिंह चौहान जी की आज पुण्यतिथि है, राजस्थान के वरिष्ठ और श्रेष्ठ चित्रकार को कलावृत्त परिवार की और से सादर नमन करते हुए मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

चित्रकार की कला में लावण्यता और पश्चिम में इटली और यूनानी की कला शैली तथा मूर्तिकला के शरीर सौष्ठव से विशेष रूप से प्रभावित है। इसी कारण उनके चित्र एवं मूर्तियां भी और अधिक आकर्षक और सुंदरता लिए होती है। बंगाल की वाश शैली का प्रभाव भी सुस्पष्ट इनके चित्रों पर दिखता है।

मेवाड़ के कोठारिया वंश से जुड़े एवं आजाद हिंद फौज के सैनानी श्री धवलसिंह चौहान के सुपुत्र चित्रकार नरेंद्र सिंह चौहान दर्शनशास्त्र के मर्मज्ञ चित्रकार है किंतु कला के क्षेत्र में यह यथार्थवादी है। पोर्ट्रेट और व्यक्ति चित्र तथा वास्तविक जीवन के विभिन्न पहलू ही इनकी कला के प्रिय विषय रहे है।

मुम्बई के कलाकार गोकुलदास कपाड़िया, जगननाथ अहि वासी, जयपुर के शिवनारायण चौगान और पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की कला शैली ने इन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया था। पुराने चित्रों को नया स्वरूप देने में भी ये बहुत ही दक्षतापूर्वक चित्रण करते थे। ऑइल पेंट, जलरंग से उन्होंने अपनी कलाकृतियों का सृजन किया।

चित्रकार नरेंद्र सिंह की मान्यता थी कि "कला का उद्देश्य लोगों में आनंद, उल्लास और उत्साह का संचार करने के साथ देखनेवाले के अंतर्मन को स्पन्दित करना चाहिए तभी कलाकृतियां श्रेष्ठ कहलाएंगी" आधुनिक चित्रकला की काल्पनिक उड़ान और राई के दाने तथा चावल के दाने पर सूक्ष्म चित्रांकन का अपना महत्व हो सकता है किंतु नरेंद्र सिंह की मान्यता यह थी कि "अंनत काल तक सभी को आकर्षित कर मानव मन को झंकृत करने वाली कलाकृतियां ही श्रेष्ठ मानी जाती है।"

जयपुर के हवामहल के पीछे गोवर्धन नाथ जी के मंदिर परिसर के एक कोने के भवन में इन्होंने अपने स्टूडियो स्थापित किया जहाँ इनकी कलाकृतियां सुव्यवस्थित रूप से आज भी प्रदर्शित है, अपने इसी स्थान पर यह मनमौजी कलाकार जीवनभर अपनी कला साधना में लीन रहे। उनकी एक और विशेषता थी कि किसी भी व्यक्ति को भी एकबार देख लेने के पश्चात ही अपनी कल्पना से उसका हूबहू चित्र बनाने की कला में इन्हें प्रवीणता प्राप्त थी। इनकी कलाकृतियों का सौंदर्य इन्हें चिर यौवन प्रदान करता था। नरेंद्र सिंह जी अखिल भारतीय हस्तशिल्प कला संस्थान के माध्यम से कला एवं कलाकारों को हमेशा प्रोत्साहित करने के लिए प्रयत्नशील रहे। उनके इस स्टूडियो को वर्तमान में उनके बड़े सुपुत्र राजकुमार चौहान संचालित कर रहे है।

कला जगत की जोड़-तोड़ की व्यवस्था और कलाकारों की आपसी चालो और राजनीतिक चालो से अपने आप को दूर रखते हुये जीवन पर्यंत अपनी कला साधना में लीन रहे।


कला का क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने के बजाय नव कलाकारों को आगे लाने के लिए प्रयास करते रहे भारत में एक सांस्कृतिक क्रांति लाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कला के माध्यम से सांस्कृतिक क्रांति लाने के लिए सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करवाई मूल योजना राजीव गांधी के सखा नरेंद्र सिंह भाटी पूर्व मंत्री के साथ वो योजना दी जिसे भारत सरकार ने किर्यान्वित किया, और साथ ही  जयपुर में स्थापित करने के लिए जवाहर कला केंद्र की योजना बनाई जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर सा को एक ऐसा सांस्कृतिक केंद्र बनाने की योजना दी जिसके तहत सभी विधाओं के कलाकार एक छत के नीचे अपनी कला का प्रदर्शन कर सके और उन कलाकारों को काम मिल सके, वो सपना भी जवाहर कला केंद्र के रूप में साकार हो गया ऐसे महान कलाकार को श्रद्धांजलि देना गौरान्वित होने जैसा है। वरिष्ठ चित्रकार श्री नरेंद्र सिंह चौहान जी को मेरे एवं कलावृत्त परिवार की और से शत-शत नमन: एवं विनम्र श्रद्धांजलि।

चित्रकार नरेंद्र सिंह जी के बड़े सुपुत्र राजकुमार चौहान भी चित्रकार है, और मेरे बहुत घनिष्ठ मित्र है। इन्होने भी राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स से चित्रकला में डिप्लोमा किया है लेकिन फिर उनका रुझान फोटोग्राफी अधिक में हो गया तो इन्होंने भी अपने आप को प्रकृति एवं वन्यजीवों की के हाव-भाव एवं उनकी दिनचर्या को देख समझ कर अपने कैमरे में कैद करते रहे  इस प्रकार उन्होंने स्वयं को फोटोग्राफी में समर्पित कर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में विशेष दक्षता हासिल कर अपने आपको एक प्रतिष्ठित वाइल्ड-लाइफ फोटोग्राफर के रूप में स्थापित कर प्रसिद्धि पायी है।


लेख़क : संदीप सुमहेन्द्र
ई-मेल - sundipsumahendra@gmail.com
मोबाइल - 98294 37374

 


Comments

  1. This post is very useful for art students or art Historians .
    I salute to dedicated late great artist sir Narendra chouhan ji ..
    I am thankful for kalavratt because they share this important post ..
    Yogendra Kumar purohit
    Master of fine arts
    Bikaner'India

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    1. Thankyou very much for your kind words. Shri Narendra ji is artist who planned and designed jawahar kala kendra.

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  2. Realistic, wonderful art work, and article also

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    1. Yes very true, He is really amazing artist. Thankyou for your appreciation.

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