युवा चित्रकार द्वारा चटक रंगों के सांगानेरी प्रिंट के कपड़ों से अनूठा सृजन


शिवांगी सिंह चौहान  

अपने गुरुजी 

 श्री नरेन्द्र सिंह यादव 

का पोर्ट्रेट 

 बना सेवानिवृति पर किया भेंट।

 

 

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट में एम.वी., प्रथम सेमिस्टर की छात्रा शिवांगी सिंह चौहान ने वर्षो उपरांत हुई इस वार्षिक प्रदर्शनी की व्यस्तता से भी समय का सही तालमेल बिठा कर अपने गुरु श्री नरेन्द्र सिंह यादव का पोर्ट्रेट बनाया। क्योंकि इसी अवसर पर गुरुजी की राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने का विशेष दिन भी था।

गुरुजी के लिए इससे उत्तम और महत्वपूर्ण गुरूदक्षिणा कुछ और क्या हो सकती है।

बातचीत में शिवानी ने बताया कि वे बचपन से ही सांगानेरी प्रिंट के चटक रंगों और बारीक गुच्छेदार बेल-बूटों की गहरी छाप मेरे मन मे बहुत गहरी रही है क्योंकि ये हमेशा ही मेरे परिवेश में बड़ा रहा है। चटकीले रंगों और इसके अलग-अलग पैटर्न्स मुझे बहुत आकर्षक लगते है मैं जब भी इन्हें देखती हूँ तो ये मेरे अंदर जिज्ञासा उत्पन्न होती है इन्हें और अधिक जानने की।

इतने सारे सुंदर-सुंदर और आकर्षक रंगों-रेखाएं सांगानेरी प्रिंटों से प्रकृति की सुंदरता और प्राकृतिक रंगों का सुंदर, आकर्षक, योजनाबद्ध रंगाकन समावेश इसने देखने को मिलता है।

मैनें अपनी कलाकृति "The portrait of my Sir" में मैनें अपने अनुभव को सांझा किया है। इसमें मैनें सांगानेरी प्रिंट की कतरनों के माध्यम से इनकी खूबसूरती के साथ-साथ मेरे आदरणीय गुरुजी "श्री नरेन्द्र सिंह यादव" का व्यक्तित्व को दिखाने का प्रयास किया है। मैं सांगानेरी प्रिंट के प्रति अपने आकर्षण और इनकी सुंदरता को आपके साथ बांटना चाहती हूँ इसलिए मैंने सांगानेरी प्रिंट की कतरनों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है।

 निसंदेह यह बहुत आकर्षक कार्य है, और आशान्वित भी हूँ कि यह सभी कला प्रेमियों को भी पसंद आएगा। इस सृजनात्मक नवाचार के लिये मैं व्यक्तिगत रूप से शिवांगी सिंह के कला जगत में इनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।



संदीप सुमहेन्द्र
ईमेल : sundipsumahendra@gmail.com

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