Posts

Showing posts from 2019

राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के छात्रों ने किया सुन्दर कलात्मक विरोध प्रदर्शन

Image
राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के सभी विधाओं के छात्र अपनी अच्छी शिक्षा के लिए पिछले 27 दिनों से अपना विरोध प्रदर्शन बहुत ही कलात्मक रूप से कर रहे है । वैसे तो ये मामला सभी की जानकारी में आ ही चूका है फिर भी मैं बताता हूँ की सभी छात्रों की मांग है की उन्हें अपने विषय के योग्यताधारी शिक्षक चाहिए, जबकि पिछले कई सालो से शिक्षा निदेशालय द्वारा इस आर्ट स्कूल में हिंदी अंग्रेजी इतिहास गणित एवं राजनीति शास्त्र के प्रोफेसरों की सिर्फ इसलिए नियुक्ति की जाती है की उन्हें जयपुर में पोस्टिंग चाहिए चूँकि विषय की जानकारी तो है नहीं, इसलिए बच्चो को पढ़ना तो पड़ेगा नहीं बस समय से आओ अपना समय पूरा करो और हर महीने मोती सैलेरी तो इनका अधिकार है ही। खैर मैं अभी इस बारे में ज्यादा बात नहीं करूँगा....अभी मैं आपको फोटोज के द्वारा बताऊंगा की कितने अच्छे तरीके से इन्होने अपने विरोध को भी बहुत ही अच्छे कलात्मक रूप से प्रदर्शन कर रहे है।  संदीप सुमहेन्द्र आर्ट स्कूल एलुमिनी सदस्य

कलागुरु डॉ. सुमहेन्द्र की स्मृति में समसामयिक चित्रकला शिविर एवं परिचर्चा का शुभारम्भ

Image
कलावृत्त  और  स्नेहा आर्ट गैलरी,  हैदराबाद  के सयुक्त तत्वाधान में कलागुरु डा. सुमहेन्द्र शर्मा के 76 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में चार दिवसीय ‘‘समसामयिक कला शिविर एवं कला परिचर्चा-2019’’ का राजस्थान ललित कला अकादमी के सौजन्य से राजस्थान ललित कला अकादमी परिसर में शुभारम्भ हुआ।     कलाविद आर. बी. गौत्तम ने इस कार्यक्रम की सरहाना करते हुए कहा की कलाकारों की स्मृति मे किये गए कार्यो से यहाँ कलाकारों मे उत्साह का संचार होता है। डॉ सुमहेन्द्र हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहे। उन्होनें लगभग कला की सभी विधाओं मे कार्य किया एवं प्रसिद्धि पायी चाहे चित्रकला हो या आधुनिक समसामयिक कला के साथ ही लघु चित्रण सहित सभी कला विधाओं मे उनका सामान अधिकार था। वरिष्ठ कलाकार भवानी शंकर शर्मा पूर्व अध्यक्ष राजस्थान ललित कला अकादमी ने कहा की सुमहेन्द्र जी जीवट कलाकार थे।  कला के प्रति उनका अनुराग युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा है, कई कला गतिविधियों मे उनका साथ मुझे हमेशा याद रहेगा।  अकादमी द्वारा किये वरिष्ठ कलाकारों के शिविर मे स्वास्थ ...

कलागुरु डॉ सुमहेन्द्र की स्मृति में अखिल भारतीय समसामयिक चित्रकला शिविर एवं कला परीचर्चा - 2019 का आयोजन

Image
dyko`Ùk   ¼jpukkRed dykdkj eap½  vkSj  Lusgk vkVZ xSyjh]   gSnjkckn  ds l;qä rRok/kku esa dykxq# MkW- lqegsUnz “kek Z ds 76 osa tUefnol ds volj ij mudh Le`fr esa pkj fnolh; ^^lelkef;d dyk f'kfoj ,oa dyk ifjppkZ&2019** dk jktLFkku yfyr dyk vdkneh ds lkStU; ls 4 ls 7 uoEcj 2019 rd jktLFkku yfyr dyk vdkneh ifjlj esa vk;ksftr fd;k tk jgk gSA  dyko`r ds v/;{k lanhi lqegsUnz us crk;k dh bl dyk f”kfoj esa ns'k o izns”k ds ç[;kr 12 dykdkj Jh  कैलाश शर्मा &t;iqj] fojsUnz cUuq&t;iqj] latho xksxksbZ&vle] MkW- Lusgkyrk izlkn & gSnjkckn] veksy iaokj&iw.ks] lat; dqekj&mRrj  प्रदेश ] js.kqckyk&iBkudksV] fot; ukxk&t;iqj] lqfer lsu&t;iqj a,oa MkW- foHkqfr i.M;k&mn;iqj ;s lHkh dykdkj ^lelkef;d^ fo"k;ksa ij vius fopkjks dks jax ,oa rwfydk ds ek/;e ls dSuokl ij vfHkO;ä djsaxs lkFk gh dyk ifjppkZvksa ds rgr vyx&vyx fo"k;ks ij Jh vkj- ch- xkSÙke] Jh 'kSy pks;y] Hkokuh 'kadj 'kekZ ,oa M‚- Lusgyrk çl...

Black Marble Gopal Krishna Statue

Image
Krishna enjoying enchanting music of his flute and godly charm.

"A poem in stone"

Image
Dear_Friends, See this pic .... Elephant with his friend. I call this "A poem in stone", India

राम जैसवाल : जल रंग के माहरथ चित्रकार व वरिष्ठ कला शिक्षक

Image
#कलाकार_विशेष #जलरंग_के_जादूगर #कलाविद_राम_जैसवाल कलाविद श्रधेय राम जैसवाल जी का जन्म 05 सितम्बर 1935 को उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद के सादाबाद में हुआ था। कथाकार-चित्रकार राम जैसवाल जी के जलरंग-चित्रों में (बंगाल शैली के प्रभाव के साथ) प्रकृति के भिन्न-भिन्न स्वरूप आकार ग्रहण करते हैं। लेखन, खास तौर पर कहानी के क्षेत्र में वह पांच कहानी संग्रहों और एक कविता-संग्रह के लेखक हैं। अपने आरम्भिक शिक्षक दौर में वह पहले मेरठ गए, बाद में लखनऊ के कॉलेज ऑफ आर्ट में अध्यापन से जुड़ गये। 1964 में वह राजस्थान में स्नात्कोत्तर स्तर पर कला का अध्यापन शुरू होने के बाद दयानन्द कॉलेज, अजमेर में प्राध्यापक पद पर पदस्थापित हो गए । तब इन्होंने यहां आकर मौसमों, वृक्षावलियों, स्थानीय पहाड़ों, घरों, जानवरों, बाजारों, गलियों और रोजमर्रा के दृश्यों का वाश-शैली में चित्रण किया। उन्होंने न केवल भारतीय देवी-देवताओं को ही रंगों में उतारा, पर जयशंकर ‘प्रसाद‘ की कुछ कविताओं पर आधारित कल्पनाशील चित्र भी बनाये। आपकी व्यक्तिचित्रण में कला-जगत में खास जगह और पहचान है । अजमेर में रहते हुए ...

KALAVRITT's

Image
Exhibition of SCULPTUREs created in nine All India Sculptor's Camp, organised at Jaipur from 1983 to 1991.