वरिष्ठ चित्रकार धर्मेन्द्र राठौड़ के निर्देशन में 73 वें गणतंत्र दिवस पर राजस्थान की कला व कलाकारो को मिला “राजपथ” पर सम्मान - संदीप सुमहेन्द्र

देशभर के 500 कलाकारों की बनाई गई कलाकृति जिसमे अपने-अपने क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों   अचर्चित नायकों की वीरता की गाथा के माध्यम से कलाकृतियां करीब 2 किमी तक प्रदर्शित हुई।


राजस्थान की  सभी कला विधा के 97 चित्रकारों की ने भी इसे बनाने में अपना श्रेष्ठ कार्य कर इस कलाकृति ने अनेकता में एकता को चरितार्थ कर अधिक मूल्यवान बना दिया।

कैनवास 190 फ़ीट है और विषय :- जयपुर का जंतर-मंतर, चित्तौड़गढ़ का विजय स्तंभ और दुर्ग, महाराणा प्रताप, महाराणा कुम्भा, जयमल एवं फत्ता राठौड, गुलाबो, स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक, केसरी सिंह बारहठ, हाड़ा रानी, तनोट माता एवं अन्य बहुत राजस्थान का प्रतिनिधित्व करती कलाओं से सजी इस कलाकृति में एकसाथ देखने को मिली

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स से डिप्लोमा करने के पश्चात पोस्ट ग्रेजुएशन "दिल्ली कॉलेज आफ ऑर्ट्स" से किया वरिष्ठ चित्रकार धमेंद्र राठौड़ ने। धर्मेन्द्र जो स्वयं राजस्थान के सलारी-अजमेर से है, उनके कुशल नेतृत्व में मुख्य रूप से गोपाल नाम जोशी, विनोद गोस्वमी, संजीव शर्मा, राजेन्द्र गौड़, अजय मिश्रा, मनीष कुमावत  लाखन सिंह जाट, वीरेंद्र सिंह, कल्याण जोशी, के.जी. कदम, उमाकांत, महिपाल, दुर्गेशअटल, कृष्ण कुमार कुंडारा, रणजीत सिंह, संदीप मेघवाल, पुष्कर लौहार, निर्मल यादव, दर्शित भाष्कर, मुकेश शर्मा, जतिन, श्याम सुंदर जी, अम्बालाल, रामदेव मीणा जैसे युवा चित्रकारों का सृजन इस तस्वीर में देखने को मिला जो निसंदेह राजस्थान के कला जगत के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका के साथ इन युवा चित्रकारों के योगदान राजस्थानी कला की श्रेष्ठता सिद्ध करती है।

राजस्थान के आधुनिक कलाकारों के साथ राजस्थान की परंपरागत कला एवं फड़ चित्रण लोक कला  आदिवासी कला जिसमें भील चित्रकारी और मांड़ना चित्रण हुआ

विदित हो कि उक्त चित्रण कार्य आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंर्तगत राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा नई दिल्ली एवं रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस चित्रण कार्य के माध्यम से देश की स्वाधीनता के लिये अपने प्राण न्योछावर करने वाले शूरवीरों को चित्रित किया गया हैं साथ ही ऐतिहासिक स्थलों एवं प्रदेश की कला एवं संस्कृति की झलक भी इन कलाकृतियों में दिखाई गई हैं। कलाकृतियों में आधुनिक, परंपरागत लोक, आदिवासी भील एवं मांडना आदि चित्रण  शैलियों में प्रदेश के कलाकारों द्वारा वरिष्ठ कलाकार धर्मेंद्र राठौर के मार्गदर्शन सानिध्य में चित्रण किया हैं जिसको राजपथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी अतिथियों द्वारा सराहा गया। राजस्थान के जयपुर, टोंक, बूंदी, अजमेर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, नाथद्वारा, भरतपुर, सवाईमाधोपुर आदि जिलों के कलाकारों द्वारा चित्रण किया गया है।


लेख़क : संदीप सुमहेन्द्र
ई-मेल - sundipsumahendra@gmail.com
मोबाइल - 98294 37374

Comments

  1. सुंदर अभिव्यक्ति ... !!!

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    1. आभार एवं धन्यवाद दिलीप जी 🙏

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  2. अति सुंदर ,रोचक एवं रोमांचित करने वाली प्रस्तुति।

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    1. आभार एवं धन्यवाद देवेंद्र जी ये वाकई बड़ी बात है कि 97 चित्रकारों ने मिलकर एक ही कैनवास पर चित्रण कार्य किया है।

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  3. This is great achievement to all 97 eminent artists.
    I congratulte to respespected Shri Dharmendra Rathor and all artists.

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  4. श्री धर्मेंद्र जी राठौड़ के निर्देशन में बनी ये कलाकृति राजस्थान की अमूल्य धरोहर बनी हैं |

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  5. बहुत शानदार अद्भुत

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  6. श्री धर्मेंद्र जी राठौड़ के निर्देश में जो काम हमने किया है उसने बहुत आनंद आया ,,‌हम चाहते हैं कि देश में इसी तरीके से आयोजन होते रहे।।

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    1. Yes ... this must be continue for the benifit of art and artist. Thankyou 👍

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