"We-11" के युवा चित्रकारों की कलात्मक अभिव्यक्ति" - डॉ. रेणु शाही

जवाहर कला केंद्र जयपुर में 11 युवा चित्रकारों की प्रदर्शनी का शुभारंभ दिनाँक 26 मार्च 2022 को जयपुर के वरिष्ठ परम्परागत चित्रकार एवं कलागुरु श्री समदर सिंह खंगारोत 'सागर', डॉ प्रतिभा यादव श्री हरशिव शर्मा जी के कर कमलों द्वारा किया गया। 

इस प्रदर्शनी को "वी-11" की संज्ञा दी गई है जो कि उन 11 युवा कलाकारों का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने इस सामूहिक कला प्रदर्शनी का आयोजन कर अपनी  अभिव्यक्ति की एक नई प्रस्तुति प्रदर्शित की है। कलाकारों में युवराज सिंह, जीवराज गवारिया, अंकित प्रजापत, प्रियंका मीणा, ज्योति कुमावत, कृष्ण कुमार वर्मा, शिवानी सिंह, सोनू जाटव, जीतू वर्मा, दीपांजली खंडेलवाल और किरण  सैनी है।

ये सभी कलाकार वर्तमान में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के एम. वी. . प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी है, जिन्होंने अपनी सृजित 26 कलाकृतियों का प्रदर्शित की हैं। यह प्रदर्शनी जवाहर कला केंद्र के "सुकृति" - प्रथम  कला वीथिका में आयोजित की गई है l

सभी युवा कलाकारों ने अपने अपने-अपने चित्रों में जीवन के विविध रंगों को प्रस्तुत किया है। प्रियंका मीणा ने गवरी नृत्य को चित्रण के विषय के रूप मे चुनकर अपनी कृतियों को सजाया है इसके माध्यम से इन्होंने राजस्थानी लोक संस्कृति को चरितार्थ करने का प्रयास किया है, इनका कहाना है कि यह कलाएं हमारे जीवन का हिस्सा हैंl जीतू वर्मा द्वारा साइकिल को ग्रामीण परिवेश में चित्रित किया है यह कहते है कि यह उनके जीवन का अंग हैं l साइकिल को रोजगार के साथ-साथ की परिस्थितियों को जोड़ने का प्रयास किया है I युवराज सिंह शेखावत ने बाल्यावस्था की कठिनाइयों को अभिव्यक्त किया है 'खोए हुए बचपन' नामक चित्र में यह बताने का प्रयास किया है कि बचपन को बचपन  की अठखेलियाँ के साथ जीना अवश्यक है l ज्योति कुमावत ने प्रकृति को चित्रित किया है तथा प्रतिस्थापन कला के माध्यम से मानव और प्रकृति के संबंध को व्यक्त किया है l अंकित प्रजापति ने कुम्हार के जीवन  को आधार मानते हुए मिट्टी के घड़ों को संयोजित किया है, जो उनके जीवन से संबंधित हैl सोनू जाटव ने नारी शक्ति को एक नए रूप यह दर्शाते हुए कहा है कि यदि नारी अपनी शक्ति का उपयोग करें  तो उसे कोई नहीं हरा सकता l जीवराज  'हमारी धरोहर' नामक चित्र मे यह कहते है कि मनुष्य हैं तो ही इनका भी अस्तित्व हैं यदि मानव नहीं रहा तो इनकी कोई उपयोगिता नहीं l कृष्ण कुमार वर्मा ने नवरस को आधार मानकर जीवन पर आधारित अलग-अलग मनोभावों को अपने ही व्यक्ती चित्र के माध्यम से दर्शाया है l


यहां तक की प्रतिष्ठान कला में रंगों का चयन भी भवों के अनुरूप ही किया हैl किरण सैनी ने यात्रा की कठिनाइयों को चित्रित कर अपनी दिनचर्या को दिखाया है l दीपांजली ने राजस्थानी शहीद गाथा और चीटियों के प्रतिष्ठापन कला के माध्यम से अन्य लोगों के लिए अनुपयोगी वस्तुओं को किसी अन्य के लिए उपयोगी बताने का एक सुन्दर प्रस्तुति की है I शिवानी सिंह द्वारा सांगानेरी कपड़ों के कतरनों को संयोजित कर उनके  जीवन के  सुनहरे अनुभवों को प्रस्तुत किया है अपनी कला के माध्यम से मालपुरा गेट एवं टी स्टॉल के उल्लासित करने वाले समय को प्रस्तुत किया है, जिसमे चमकीले रंगों का विशेष महत्व है।

सभी युवा कलाकारों की कृतियों में समकालीन परिवेश को बहुत ही सरल तरीके से प्रस्तुत किया है तथा कलाकारों ने अपनी-अपनी अभिव्यक्ति को सुंदर रूप में प्रस्तुत किया है। विगत कुछ माह में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट द्वारा कई कलात्मक गतिविधिया आयोजित की गयी है और यह प्रयास निरंतर जारी है।

इसी क्रम में MFA प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का एक सामूहिक कला प्रदर्शनी के आयोजन ने एक नई स्फूर्ति का संचार करने में अपनी भूमिका प्रस्तुत कर रहा है विशेषकर स्कूल ऑफ आर्ट के कला विद्यार्थियों में। अभी इसके पूर्व ललित कला अकादमी, जयपुर राजस्थान द्वारा आयोजित 22वें कला मेले में स्कूल ऑफ आर्ट के सभी वरिष्ठ छात्रों की कला प्रदर्शन भी सराहनीय रही। विद्यार्थियों के अथक प्रयास ने उन्हें स्वयं का दीपक बनने की ओर प्रेरित किया है। अतः वह एक के बाद एक कलात्मक गतिविधियों में लगे हुए है। जबकि उनके ऊपर पाठ्यक्रम से संबंधित कार्य एव परीक्षा का समय निकट होते हुए भी प्रदर्शनी हेतु तत्पर हुए है।

यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों के अवलोकनार्थ 29 मार्च रहेगी। 


लेखिका- डॉ. रेणु शाही,
सहायक आचार्य, चित्रकला विभाग,
राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट जयपुर।
फ़ोन  9838752535
email- Dr.renushahirajvansh@gmail.com

Comments

  1. Great initiative dear artists. Best of luck n congratulations. 💐😊

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  2. Very nice very creative art work ... Best wishes to all artists 💐💐💐

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  3. Lekhan vo bhi kala par bahut sundar likha hai .....🙏

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  4. Thanks everyone for visiting the exhibition and showering lots of love

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  5. I want to say thanks to you all of you have helped and supported us a lot...we all are lucky to have teachers like you.

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  6. बहुत ही उम्दा और सारगर्भित लेखन...साधुवाद

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  7. सभी आदरणीय वरिष्ठ कलाकारगण, गुरुजन, सहपाठियो एवं सभी दर्शकों को उत्साह वर्धन करने और सहयोग के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। इस प्रदर्शनी पर सुंदर लेख लिखने हेतु" रेणु" मेम को विशेष धन्यवाद ।

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