अपनी जड़ों से जुड़ने का एक सफल प्रयास - चित्रकार शिविर नोहर 2023 : योगेन्द्र कुमार पुरोहित
सिंधु घाटी सभ्यता को हमने पढ़ा है और ये सभ्यता स्थित रही है भारत के भू-भाग पर भी, इसे आज कालीबंगा नाम से जाना जाता है और इसके आस पास के क्षेत्र में भी काफी कुछ सिंघु घाटी सभ्यता के प्रमाण मिले है। राजस्थान के जिले हनुमानग़ढ और उसके कस्बे नोहर में भी सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमाण मिले है जिसका लेखा-जोखा इतिहासकारों ने लिखित रूप से किया हुआ है। ये तो हुई अतीत की बात, पर वर्तमान में भी सिंधु घाटी सभ्यता जीवित है आज के समकालीन परिवेश में इतिहास के प्रमाणों को प्रामाणित करते हुए। इस बात का प्रमाण हाल ही में आयोजित "राज्य स्तरीय चित्रकला शिविर" के रूप में मेरे सामने आया और जिसका मैं स्वयं प्रतिभागी और प्रत्यक्षदर्शी भी बना।
चित्रकार शिविर नोहर 2023, जिला हनुमानग़ढ में वहाँ की शिक्षण संस्थान गार्गी विद्यापीठ समिति और राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष के प्रयासों से आयोजित किया गया। गौरतलब बात ये है की राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण व्यास नोहर से आते है और आप एक प्रख्यात मूर्तिकार है समकालीन भारतीय कला के मानचित्र पर।
चित्रकार शिविर नोहर 2023 का उदेश्य सुदूर क्षेत्रों में कला को प्रचारित करना है, पर मुझे लगा की ये कला शिविर कला की जड़ों से जुड़ने और जोड़ने का प्रयास या पहल थी। नोहर के वरिष्ठ कलाकारों द्वारा नोहर क्षेत्र के युवा कलाकारों को अपनी जड़ों से जोड़ने का।
यह बहुउद्देशीय कला शिविर 3 से 5 जनवरी 2023 तक जांगिड़ सुथार भवन नोहर में आयोजित किया गया। जिसमे राजस्थान के कई शहरों के चित्रकरों को आमंत्रित किया गया था। शिविर में कुल 15 चित्रकारों ने वरिष्ठ चित्रकार नोहर श्री महेंद्र प्रताप शर्मा के संयोजन में अपने-अपने रचनात्मक चित्र रचते हुए इस शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सभी चित्रकारों ने एक एक चित्र समकालीन कला के तहत बनाये और शिविर के समापन पश्चात कला प्रेमियों एवं दर्शकों के अवलोकनार्थ सृजित चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गयी, जिसे सभी ने खूब सराहा है।
शिविर में उत्कृष्ट चित्रण के लिए कलाकारों में तीन श्रेणियाँ रखी गयी जिसमे यथार्थवादी, रचनात्मक और परंपरागत शैली के कलाकार को आमंत्रित किया गया था।
प्रतिभागी चित्रकारों में श्री राधेश्याम कोटि, मास्टर मस्तान सिंह, मनोज टेलर (सदस्य राजस्थान ललित कला अकादमी), कृष्णा महर्षि, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र सुथार, छोटूराम यादव, राजेश वर्मा, मास्टर मुकेश बीजानिया, मीनाक्षी गिरधर, तनु, भावना, नीलम यादव, योगेंद्र कुमार पुरोहित, विनोद कुमार, चानन मल, विनय त्रिवेदी आदि रहे।
सभी प्रतिभागियों विषम परिस्थिति में ठंड और कोहरे की कपा देने वाली ठंडक में लगातार तीन दिन चित्र रचते रहे, जो उन सभी चित्रकारों की कला के प्रति प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण था।
चित्रकार शिविर 2023 नोहर के शुभारंभ समारोह में राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष मूर्तिकार श्री लक्ष्मण व्यास ने अकादमी को प्रान्त के प्रत्येक सुदूर क्षेत्र तक ले जाने और अंतिम छोर तक जो कलाकार वंचित है उसे लाभान्वित करवाने की प्रथम मुहीम नोहर से शुरू करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कालीबंगा और नोहर के कलात्मक इतिहास को याद करते हुए नोहर में फिर से कला की धारा के प्रवाह को आरम्भ करने की बात भी मंच से कही।
सही अर्थों में ये एक सही शुरुवात कही जा सकती है कला के माहौल को पुनः जाग्रत करने को और ये संभव होगा सुदूर क्षेत्रों में कला की अलख जगाने से और ये अलख होगी कला शिविरों के रूप में और कला प्रदर्शनियों के रूप में।
मैंने देखा वहाँ उन तीन रोज में कि नोहर के प्रत्येक घर में एक जन्मजात कलाकार है और ऐसा इसलिए है क्योंकि वहाँ की माटी वहाँ का जलवायु सिंधु घाटी की सभ्यता की खुशबु अपने में आज भी समाया हुआ है, और वो है वहाँ के जन्मे मानव जन जीवन में। इस बात का एक उदाहरण भी है मेरे पास प्रमाणित करने को। हुआ यूँ की मुझे परमानेंट मार्कर की आवश्यकता पड़ी चित्र हेतु तो मैं गया मार्किट कलाकार दयाल सुथार नोहर (फोटोग्राफर चित्रकार शिविर नोहर 2023) के साथ एक दुकान पर एक बुजुर्ग ने जानकारी ली कला शिविर की हम दोनों से, फिर उत्साह से बोले मेरी पोतियां भी चित्र बनाती है। फिर उन्होंने अपनी पोतियों को आवाज दी की इन्हे एक पेन चाहिए दुकान में आकर दो। एक 8-9 साल की बच्ची आयी बोली मार्कर पेन दुकान में तो नहीं है घर में है मैं लेकर आती हूँ। वो दौड़कर घर में गयी पेन के साथ एक फाइल भी लायी और बोली ये लीजिये पेन जो उसका खुद का था (कला के लिए समर्पण/सहयोग की भावना उस बच्ची में अदभुद बात थी) मैंने कहा ये तो तुम्हारा पेन है। वो बच्ची बोली आप काम में ले सकते हो, फिर उसने मुझे अपने बनाये रेखा चित्र जो की पेंसिल से बने थे। मुझे देखने को दिए। जिसमे उसने हिन्दू देवी देवताओं को चित्रित कर रखा था साथ की कुछ कविताये भी उस बच्ची ने अपने बाल मन और मस्तिष्क की कल्पना को काव्य रूप में अभिव्यक्त कर रखा था। सच में वो दृश्य मुझे अचरज में डाल रहा था और मुझे सोचने को बाध्य कर रहा था कि इस माटी में आज भी वो सभ्यता जीवित है। जिसे हम और आप सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से जानते है। मेरा ये मानना है की उस क्षेत्र में जो भी जन्मेगा वो जन्म जात कलाकार ही होगा। उसकी कला अभिव्यक्ति का रूप चाहे कोई भी रहे। वो हो सकती है मूर्तिकला या चित्रकला या फिर संगीत और लोक के साथ नाट्य आदि।
चित्रकार शिविर को अनेको कला विद्यार्थियों ने देखा भी और चित्रण कर रहे चित्रकारों से संवाद भी किया, अनेको साहित्यकारों ने कला और साहित्य और कला इतिहास पर चर्चा की, नोहर क्षेत्र के बाल कलाकारों ने समकालीन कला के सकारात्मक पक्ष को प्रत्यक्ष देखा अनुभूत किया सम्भवतः वे भविष्य में अभिव्यक्त भी करेंगे। क्योंकि राजस्थान ललित अकादमी के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण व्यास और गार्गी विद्यापीठ समिति के वरिष्ठ चित्रकार श्री महेंद्र प्रताप शर्मा ने चित्रकार शिविर के जरिये नोहर के समस्त कला और साहित्य परिवार को अपनी जड़ो से जोड़ने का कार्य सफलता पूर्वक कर दिया है। जिसके लिए वे साधुवाद के पात्र है।
आप राजस्थान के अन्य सुदूर क्षेत्रों के कलाकारों को भी उनकी कलात्मक और सृजनत्मक जड़ों से जोड़ने का सफलतम प्रयास भविष्य में भी करते रहेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
मेरे द्वारा सृजित चित्र मे मैंने अपनी बीकानेर से नोहर की यात्रा के दौरान सड़क के दोनों किनारों पर दूर तक फैले पीले और हरे रंग को देखा जो सरसों के खेतों में प्राकृतिक सृजन था, उसी को लेकर खुशहाली के प्रतीक "प्रेम की यात्रा" के रूप में अपना चित्र चित्रित किया है।
योगेंद्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट
बीकानेर, राजस्थान (इंडिया)
आदरणीय श्री संदीप सुमहेन्द्र शर्मा
ReplyDeleteसंपादक कलावृत्त कला पत्रिका
जयपुर ,राजस्थान !
मान्यवर ,
आप ने चित्रकार शिविर नोहर 2023 पर आधारित मेरी टिप्पणी /समीक्षा / आलेख को कलावृत्त कला पत्रिका में स्थान देकर उन सभी चित्रकारों को सम्मान दिया है ! जिन्होंने विषम परिस्थिति में राजस्थान के सुदूर क्षेत्र नोहर जिला हनुमानग़ढ में तीन दिन तक कड़ाके की ठण्ड में चित्र रचे और वहाँ के जीवन में कला के आयाम को पुनः जाग्रत करने का प्रयास किया !
उम्मीद करता हूँ आप का ये कला और कलाकारों को प्रोत्साहित और उत्साहित करने वाला प्रयास सब को भायेगा उन्हें और ऊर्जावान बनाएगा कला की अथक साधना के लिए !
पुनः आप को साधुवाद
चित्रकार योगेंद्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट
बीकानेर, इंडिया