मथेरण कला के श्रेष्ठ चित्रकार को 74वें गणतंत्र दिवस पर किया सम्मानित : योगेन्द्र कुमार पुरोहित
मुझे आज बहुत बरसों बाद महाराजा करणी सिंह स्टेडियम बीकानेर में जाने का अवसर बना और अवसर बनने का कारण रहा चित्रकला (बीकानेर की पुरातन और परंपरागत कला मथेरण चित्रकला) आज हिंदुस्तान के राष्ट्रीय पर्व 74वें गणतंत्र दिवस पर हर वर्ष की भांति बीकानेर प्रशासन के द्वारा बीकानेर की महान विभूतियों को सम्मानित किया गया। इस सम्मान कार्यक्रम में सम्मानित हुए बीकानेर मथेरण कला के वरिष्ठ चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा जी। आप विगत 40 वर्षों से निरंतर सिर्फ और सिर्फ मथेरण कला को ही चित्रित करते आ रहे है और यही आप के आजीविका उपार्जन का साधन भी है, बीकानेर शहर में।
मथेरण कला जोकि जैन शैली की उपशैली मानी जा सकती है। जिसका समय के साथ स्वरुप भी बदला और विषय भी पर ये कला बीकानेर की उस्ता कला से भी पहले की बीकानेर की कला है। बीकानेर का भांडासर जैन मंदिर इसका ऐतिहासिक प्रमाण है। एक और बात उस्ता कला जहाँ अलंकरण परक है वहीं मथेरण कला बीकानेरी सांस्कृतिक मूल्यों से जुडी हुई आध्यात्मिक विषय परक कला है।
मुझे अति हर्ष हो रहा है इस बात से की वर्तमान में जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल जी ने मथेरण कला और उसके कलाकारों के सन्दर्भ में अति रूचि और जिज्ञासा को दिखाते हुए चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा जी को कला पुरस्कार सम्मान हेतु चयनित किया और आज महाराजा करणी सिंह स्टेडियम बीकानेर में 74 वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में कला संस्कृति मंत्री डॉक्टर बुलाकीदास कल्ला जी और संभागीय आयुक्त डॉक्टर नीरज के पवन और स्वयं की उपस्थिति में अपने हाथों से मथेरण कला और उसके चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा जी का सम्मान किया। सो मैं समकालीन चित्रकार योगेंद्र कुमार पुरोहित उन्हें साधुवाद ज्ञापित करता हूं बीकानेर के कला परिवार की और से।
मैं विशेष रूप से आभारी हूँ लोक कलाकार मास्टर गोपाल बिस्सा का जिन्होंने श्री मूलचंद महात्मा जी को पुरस्कार हेतु आवेदन भरने के लिए प्रेरित किया। मुझे उनके आवेदन पत्र को लिखित रूप में एक फाइल रूप में बनाने हेतु सहयोग करने का अवसर मिला तो युवा साथी और बीकानेर युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्री यशपाल गहलोत ने मास्टर गोपाल बिस्सा के साथ श्री मूलचंद महात्मा जी के आवेदन को जिला प्रशासन कार्यालय में प्रस्तुत करने में उनको सहयोग दिया।
मैं आभारी हूँ पुरस्कार वितरण समिति और जिला प्रशासन बीकानेर का जिन्होंने समय पर श्री मूलचंद महात्मा जी से संपर्क साधते हुए उन्हें पुरस्कार ग्रहण करने का निमंत्रण प्रस्तुत किया। मैं आभारी हूँ मंच संचालक श्री रविंद्र हर्ष जी का और कार्यक्रम संचालक श्री संजय पुरोहित जी का जिन्होंने सरल स्वभाव के व्यक्तित्व मथेरण कला के चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा जी बीकानेर को उनके सृजन कर्म के लिए पूर्ण गरिमा और सम्मान के साथ जिला प्रसाशन का सम्मान दिलवाने में अपना पूर्ण सहयोग दिया आत्म बल से।
मैं बीकानेर प्रशासन और जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल जी से ये आशा भी करता हूँ की भविष्य में आप बीकानेर में मथेरण कला के लिए एक म्यूजियम और मथेरण कला शिक्षण संस्थान बिहार के मधुबनी पेंटिंग के तर्ज पर बने म्यूजियम और शिक्षण संस्थान की भांति बीकानेर में भी स्थापना करे और मथेरण परिवार को उस से जोड़ते हुए और उनके द्वारा बीकानेर की कला के लिए दिए गए इतने लम्बे कला योगदान को महत्त्व देते हुए उन्हें लाभान्वित कराये।
साभार फोटोग्राफर/संपादक जनाब अज़ीज़ भुट्टा जी का जिन्होंने बीकानेर की मथेरण कला के सम्मान के पल को अपने कैमरे में कैद किया महाराजा करणी सिंह स्टेडियम बीकानेर से आज 74 वें गणतंत्र दिवस पर।
जय हिन्द - जय बीकाणा
योगेन्द्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ फाइन आर्ट
बीकानेर, इंडिया
It can possible ,because kalavritt exposed to mtheran art or thats artist sir mulchand Mahatma Bikaner ..so lots of regards for you sir sundeep sumhendra sharma ji ..
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