Posts

Showing posts from 2023

अमूर्त चित्रकार अमित कल्ला का चयन चाइना के अंतर्राष्ट्रीय आर्टिस्ट एक्सचेंज रेजीडेंसी के छठे ताओहुआ तान प्रोग्राम में।

Image
देश के अमूर्त चित्रकार और कवि अमित कल्ला को इस वर्ष अक्टूबर से चीन के अनहुई प्रांत में आयोजित होने वाले छठे ताओ हुआ तान, अंतर्राष्ट्रीय आर्टिस्ट एक्सचेंज रेजीडेंसी प्रोग्राम के लिए चयनित किया गया है। निकट भविष्य में बनने वाले वर्ल्ड आर्ट म्यूजियम के कला संग्रहण के तहत विश्व प्रसिद्ध क्यूरेटर गॉर्डन नोवाक और लियू जियान द्वारा इस रेज़िडन्सी के प्रतिभागियों का चयन किया गया है जिनके मार्गदर्शन में वहाँ दृश्य कलाओं से जुड़े विभिन्न अकादमिक और रचनात्मक कार्यक्रम कार्यक्रम सम्पन्न होंगें। द पीच ब्लॉसमपूल आर्ट सेंटर के स्टूडियो में रहकर अमित अपनी बहुरंगी शैली में एक नई चित्र सीरीज़ भी तैयार करेंगें, जिसे वहाँ होने वाली सामूहिक प्रदर्शनी में दर्शाया जाएगा, इसके साथ ही अपनी काव्य-चित्र यात्रा और भारतीय कला दृष्टि के विभिन्नदार्शनिक व सौंदर्यात्मक पहलुओं पर व्याख्यान भी देंगें। इस आयोजन में दुनिया के अलग-अलग देशों से चुनिंदा कलाकारों को आमंत्रित कियागया है, जो रेजीडेंसी में साथ रहकरअपनी-अपनी कला परंपरा, शैली, तकनीक औरउसकी संधानात्मक प्रक्रिया को एक दूसरे से साझा करेंगे, इससे पहले अन्तराष्ट्रिय पटल प...

पी.एन. चोयल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा अमृता शेरगिल की पेंटिंग्स पर डॉ. नीलम वर्मा की हाइकु कविताओं की पुस्तक का विमोचन

Image
  राजस्थान के कला जगत में विशेष पहचान बनाने वाली प्रसिद्ध कला संस्था पी एन चोयल मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में चोयल आर्ट स्टूडियो, उदयपुर में इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पुस्तक भारत की प्रसिद्ध चित्रकार अमृता शेरगिल की पेंटिंग्स और डॉ. नीलम वर्मा की हाइकू कविताओं के बारे में है। पुस्तक की लेखिका डॉ. नीलम वर्मा स्वयं पेशे से एक प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ, दिल्ली में अभ्यास करती है और दिल से भावुक कवयित्री, वह एक प्रशिक्षित कथक नृत्यांगना और पंडित बिरजू महाराज जी की शिष्या भी हैं। डॉ. नीलम वर्मा द्वारा "हाइकु" (HAIKU) नामक एक विशेष जापानी कविता पैटर्न का उपयोग करती हैं जहां केवल 17 ध्वन्यात्मक इकाइयों की अनुमति होती है 5, 7 और 5 अक्षरों के पैटर्न के साथ तीन पंक्तियों में इसकी अभिव्यक्ति की जाती है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान के विख्यात चित्रकार एवं कला शिक्षक डॉ. शैल चोयल तथा एसबी एंड पुस्तक के अवधारणाकार चित्रकूट आर्ट गैलरी कोलकाता के श्री उमेश मेहता ने की। इस विमोचन कार्यक्रम में वरिष्ठ चित्रकार एवं कला प्रेमी उपस्थित रहे एवं सभी ...

संत चित्रकार क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार : डॉ. श्यामबिहारी अग्रवाल

Image
जन्मदिवस "31 जुलाई" पर स्मरण एवं नमन: कलाकार अपनी सृजनात्मक कला रचना के माध्यम से, अपनी पहचान बनाता है। यही पहचान, कलाकार को अमरत्व की ओर ले जाती है। क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार एक ऐसे ही संत चित्रकार के रूप में याद आते हैं। क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार का जन्म 31 जुलाई 1891 में पश्चिमी बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के नीमतिता के पास जगताई ग्राम में हुआ था। यह ग्राम गंगा के किनारे स्थित है और शायद यही कारण था कि जब उन्हें गंगा जमुना के संगम पर बसे इलाहाबाद से पं. अमरनाथ झा का बुलावा आया तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया जबकि शान्ति निकेतन में काम करने के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर, इटली के बादशाह मुसोलनी की पुत्री, बंगाल के अँग्रेज गर्वनर रोनाल्डशे के उनके देश चलने के अनुरोध को वे ठुकरा चुके थे। वैष्णव धर्म में आकण्ठ डूबा उनका मन गंगा किनारा छोड़ने को तैयार न हुआ। इस भारतीय कलाकार ने हमेशा अपनी मिट्टी और अपनी संस्कृति से जुड़ कर रहना पसन्द किया। क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार ने कोलकाता आर्ट कालेज के अवनीन्द्रनाथ टैगोर से कलाविद्या की दीक्षा पाई और सन् 1942 में आ बसे साहित्य, कला एवं संस्कृति की नगरी इलाहाब...

नेपाल की अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में राजस्थान के चित्रकारों की भागीदारी

Image
नेपाल, भारत और बंग्लादेश के बीच मित्रता बढ़ावा देने के उद्धेश्य से 6:वी अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी 2023 का आयोजन नेपाल के राजधानी काठमांडू में किया गया। प्रदर्शनी का आयोजन चीबहाल आर्ट इंस्टिट्यूट, सुनाकोठी, ललितपूर, नेपाल के द्वारा एक कलात्मक होटल के कला वीथिका संजो आर्ट गैलरी , काठमांडू में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि माननीय मंत्री (Ex. MFALD ) राजेंद्र प्रसाद श्रेष्ठ, वरिष्ठ कलाकार गेहेनड्र मांन आमर्त्य, मैनेजिंग डायरेक्ट चिरंजीवी भट्ट आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। प्रदर्शनी में कुल अड़तीस कलाकारों की प्रतिभागिता रही। जिसमें भारत से चार कलाकारों की कृतियों को सम्मानित किया गया था। भारतीय कलाकारों में जयपुर से डॉ. रेणु शाही, श्री नवल किशोर मिश्र और धनमेष तथा अजमेर से सुश्री ममता देवड़ा की कृतियां चयनित हुयी थी। अन्य कलाकारों में नेपाल से श्री चिरंजीवी भट्ट, राजन महाराजन, सरूना देवी, सोहेल कुशल, प्रकाश मीजर, मांन आमातय, सुदर्शन राज शाक्य, रिया बजरंचर्या, श्रुतकृति नाकारमी, रुखसाना महाराजन, सुषमा अग्रवाल, धृतiका तिवारी, अनिल महाराजन, सूरेन देसर, मानाहारा प्रजापति, जेन...

डॉ. रेणु शाही की अंतर्राष्ट्रीय कला शिविर में प्रतिभागिता

Image
राजस्थान सभी कलाओं एवं भारतीय संस्कृति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला स्थान है। जहां पूरे विश्व में सैलानी एवं कला जिज्ञासु यहां की रंगीन परंपरा को देखने प्रतिवर्ष हज़ारों की संख्या में आते है। वही देश की सीमा को तोड़ते हुए प्रेम एवं सद्भावना को बढावा देने के उद्धेश्य से राजस्थान झीलों की नगरी उदयपुर में छ: दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कला शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ।  यह कार्यक्रम 'Indo-Nepal-Bangladesh Frendship Programme' के अवसर के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय कला एवं संस्कृति के आदान-प्रदान के अंतर्गत कला शिविर एवं कला प्रदर्शनी के साथ दिनांक 2 से 7 अप्रैल 2023 तक चला। जिसमे चित्रकला, मूर्तिकला एवं संगीत विधा के कलाकारों की सहभागिता रही। यह आयोजन Society for Prabal Pramani's Academy of Arts and Artists Guild Ajitgarh के द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया। इसमें भारत, बांग्लादेश तथा नेपाल जैसे देशों से आये कुल 48 कलाकारों ने अपनी-अपनी कृतियों से दर्शकों का मनोरंजन कर लाभान्वित किया। कार्यक्रम का आयोजन उदयपुर की बागोंर की हवेली में किया गया था। जिसका उद्घाटन उदयपुर के प्रसिद्ध कलाकार ए...

प्रेरक कलात्मक उर्जा से लबालब व प्रभावी रेखांकनों की संग्रहणीय पुस्तक “लयात्मक रेखांकन” : दिलीप दवे

Image
वरिष्ठ विख्यात चित्रकार व कला गुरू डॉ. नाथूलाल वर्मा विश्व विख्यात गुलाबी नगरी जयपुर के कला जगत में वर्षों से साधनारत है। उन्होंने अपनी कला यात्रा में विभिन्न विषयों पर समय समय अति प्रभावी व सुंदर रेखांकन तैयार किये हैं, उन्हीं रेखांकनो का संग्रहणीय अनुठा संग्रह “लयात्मक रेखांकन” के रूप में हाल ही में प्रकाशित होकर कला जगत के सामने आया है। चित्रकार ने अपने विभिन्न विषयों पर अनेक माध्यमों से रेखांकन कर अपनी चित्रण व सृजन क्षमता को मज़बूत आधार प्रदान किया हैं, इन में देवी देवताओं व पुराणिक संदर्भ, धार्मिक/पौराणिक, वन्यजीवों, पालतू जानवरों, प्राचीन स्मारकों, पक्षियों, व्यक्ति चित्रों आदि विषयों पर अनुपम रेखांकन कर “सुंदर कलात्मकता व उम्दा अलंकरण के साथ चित्रकार डॉ. नाथूलाल वर्मा ने भारतीय चित्रण कला की विधा को आगे बढ़ाया” और अब उनकी प्रतिभा प्रस्तुत पुस्तक में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं, “लयात्मक रेखांकन” में चित्रकार के बेहतरीन 225 से अधिक विभिन्न विषयों पर रेखांकनों को एक साथ देखने का अनुभव यक़ीनन अनोखा व ज्ञानवर्धक हैं। कला साधना के नियमित रियाज़ और तन्मयता के चित्रकार डॉ. नाथूला...

मथेरण कला और बीकानेरी लोक देवता गोधा बाबा : योगेंद्र कुमार पुरोहित

Image
  श्री मरूनायक मंदिर बीकानेर - होली लोक परंपरा लोक अपनी परिभाषा स्वयं रचता है वो समय की मांग और आवश्यकता के आधार पर नए किरदार भी रच लेता है समाज को सही दिशा दिखाने को। इसी बात का एक और प्रमाण सामने आया मथेरण कला के चित्रकार / कलाकार श्री मूलचंद महात्मा (मथेरण परिवार बीकानेर का सदस्य) के द्वारा। चित्रकार / कलाकार श्री मूलचंद महात्मा ने मुझे सूचित किया की इन दिनों बीकानेर के श्री मरूनायक मंदिर (वैष्णव सम्प्रदाय) में एक दो सौ साल पुराने कागज लुगदी (पेपर मेसी) में बने मूर्ति शिल्प के जीर्णोद्धार के कार्य में व्यस्त हूँ, आप आकर देखे। मैंने समय निकला और पहुंचा बीकानेर के मोहता चौक स्थित श्री मरूनायक मंदिर में। मुझे प्रथम बार ही ये अवसर मिला की मैं मरूनायक मंदिर में प्रवेश कर पाया बीकानेर में रहते हुए भी। हजारों बार उस मंदिर के आगे से गुजरा हूँ पर अंदर जाने का कोई कारण नहीं बना था अब से पहले।  मैं पिछली प्रोल (बड़ा लकड़ी का दरवाजा) से मंदिर परिसर में दाखिल हुआ और वहाँ देखा की चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा व्यस्त थे दो सौ साल पुराने एक मूर्तिशिल्प को साफ़ करने में जो की जीर्णशीर्ण अवस्थ...

कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से सेलिब्रेट किया वैलेंटाइन सप्ताह : संदीप सुमहेन्द्र

Image
आगंतुक आर्ट ट्यून व  विनीता आर्ट्स  द्वारा अनूठे  कला शिविर  का  आयोजन   जयपुर में आगंतुक आर्ट ट्यून व विनीता आर्टस द्वारा दो दिवसीय वैलेंटाइन वीक का अनूठा आयोजन किया, जिसमें वैलेंटाइन वीक कों अलग अंदाज में मनाया गया, गुलाबी नगरी में ऐसा आयोजन संभवत पहली बार किया गया है, जिसमें शहर के कपल पेंटिंग आर्टिस्ट ने "कमल तलाई कैफे" में लाइव पेंटिंग बना अपनी सृजनात्मकता को चित्रित किया, सभी चित्रकारों ने वैलेंटाइन वीक कों ध्यान में रखते हुवे इस कला शिविर में अपनी सृजनात्मकता द्वारा रंगों और कुंची से प्रेम का संदेश देने का प्रयास किया। आगंतुक आर्ट ट्यून से अरिजीत मुख़र्जी ने बताया कि इस अनूठे कला शिविर में स्वप्निल टांक-अभिलाषा भारतीय, मोनिका देवी-सुरजीत सिंह, अरिजीत सरदार-मधु सैनी, पूजा भार्गव-प्रशांत भार्गव, शिवलाल-सुनीता राव, दुर्गेश अटल, पूजा पूरी इस कला शिविर के प्रमुख कलाकार थे। अगले दिन सभी कलाकृतियों कों कमल तलाई कैफे में प्रदर्शित किया गया, इस प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री पंकज ओझा (सीनियर आर.ए.एस ) श्री बी.के. दत्ता (कला महोत्सव के संस्थापक) एवं सुहास दत्ता (व...

माँ शारदा की प्रतिमा को पुनः ताम्र रंग से मूल स्वरूप में तैयार किया : योगेन्द्र कुमार पुरोहित

Image
चित्रकार और साहित्यकार को माँ शारदे का आशीर्वाद किस रूप में मिले और कैसे मिले ये निश्चित नहीं पर ये बिलकुल निश्चित है की आप शिक्षा और माँ शारदे का सम्मान करते है तो आशीर्वाद का फल मिलना तय है।  दो दिन पहले अजित फाउंडेशन के सभागार में मोळियो राजस्थानी बाल साहित्य उपन्यास के लेखक मनीष कुमार जोशी ने अपने उपन्यास मोळियो का लोकार्पण किया। तब माँ शारदे की प्रतिमा के आगे सभी ने पुष्प अर्पित किये मैंने भी किए। माँ शारदे की यह प्रतिमा अजित फाउंडेशन के सभागार में काफी लम्बे समय से स्थापित है और हर आयोजनों में सर्वप्रथम पूजा एवं पुष्पांजलि की जाती है वहाँ आयोजित होने वाले सभी प्रकार के साहित्य कला और सांस्कृतिक आयोजनों में। इस बार अजित फाउंडेशन के सहायक कर्मचारी सरल स्वभाव के धनी, नैतिकता के मूल्यों को समझने वाले श्री गौरीशंकर जी ने मुझ से कहा की माँ शारदे की प्रतिमा का रंग पीताम्बरी से साफ़ करने के साथ ही छूट गया सो अब ये अच्छी नहीं दिख रही। कभी आप इसे पुनः इसके वास्तविक रंग में लाने का कार्य करे अजित फाउंडेशन के लिए।  उनकी पीड़ा को मैंने समझा और जाना की हर कार्यक्रम में माँ शारदे की प्रत...

मथेरण कला के श्रेष्ठ चित्रकार को 74वें गणतंत्र दिवस पर किया सम्मानित : योगेन्द्र कुमार पुरोहित

Image
मुझे आज बहुत बरसों बाद महाराजा करणी सिंह स्टेडियम बीकानेर में जाने का अवसर बना और अवसर बनने का कारण रहा चित्रकला (बीकानेर की पुरातन और परंपरागत कला मथेरण चित्रकला) आज हिंदुस्तान के राष्ट्रीय पर्व 74वें गणतंत्र दिवस पर हर वर्ष की भांति बीकानेर प्रशासन के द्वारा बीकानेर की महान विभूतियों को सम्मानित किया गया। इस सम्मान कार्यक्रम में सम्मानित हुए बीकानेर मथेरण कला के वरिष्ठ चित्रकार श्री मूलचंद महात्मा जी। आप विगत 40 वर्षों से निरंतर सिर्फ और सिर्फ मथेरण कला को ही चित्रित करते आ रहे है और यही आप के आजीविका उपार्जन का साधन भी है, बीकानेर शहर में। मथेरण कला जोकि जैन शैली की उपशैली मानी जा सकती है। जिसका समय के साथ स्वरुप भी बदला और विषय भी पर ये कला बीकानेर की उस्ता कला से भी पहले की बीकानेर की कला है। बीकानेर का भांडासर जैन मंदिर इसका ऐतिहासिक प्रमाण है। एक और बात उस्ता कला जहाँ अलंकरण परक है वहीं मथेरण कला बीकानेरी सांस्कृतिक मूल्यों से जुडी हुई आध्यात्मिक विषय परक कला है। मुझे अति हर्ष हो रहा है इस बात से की वर्तमान में जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल जी ने मथेरण कला और उसके कलाकारों...

लोक ही जिसका धर्म एवं लोक ही जिसकी पूजा - वो है मास्टर गोपाल बिस्सा : योगेन्द्र कुमार पुरोहित

Image
कहते है आध्यात्मिक ग्रंथो में जहाँ बहुत से प्रश्न अधूरे रहते है उन्हें पूर्णता मिलती है लोक जीवन शैली से। ऐसा मैंने कई बार साहित्य चर्चाओं और मंचों से सुना है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉ. चंद्र प्रकाश देवल साहब से (वरिष्ठ साहित्यकार राजस्थानी भाषा) डॉ. अर्जुन देव चारण (राजस्थानी भाषा वेता और रंग लेखक) और लोक संस्कृति के विशेषज्ञ स्वर्गीय डॉ. श्रीलाल मोहता, बीकानेर के श्री मुख से। ये सत्य भी माना जा सकता है क्यों की प्रतिदिन हमारे आस-पास जो कुछ घटता है उसमे आधार लोक संस्कृति का ही होता है। उदहारण के लिए हम हमारे दैनिक जीवन की दिनचर्या को ले सकते है, जो नींद से जागने से लेकर पुनः रात्रि में सोने तक की क्रिया में निहित है। मेरे लिए लोक अंतर मन का स्वतंत्र आह्लाद है जो आपके मन मस्तिष्क को स्वतंत्रता से अपनी मानसिक, वैचारिक और शारीरिक क्रिया करने का अवसर उपलब्ध करवाता है ! उसका रूप-स्वरूप कुछ भी हो सकता है, लेकिन वो रहता लोक के अंतर्गत ही है। आसान भाषा में कहूं तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "कला का एक मुखरित स्वरूप है लोक" ! लोक को किसी परिभाषा या माध्यम की जरूररत नहीं वो अपनी जरूरत के...